कोरोना लॉकडाउन के दौरान सोनू सूद ने हजारों मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने में मदद की थी। सोनू ने बस, ट्रेन और दूसरे वाहनों से करीब 25 हजार से ज्यादा लोगों को न सिर्फ उनके घर तक पहुंचाया था, बल्कि रास्ते में उनके खाने-पीने का भी इंतजाम किया था।
मुंबई। कोरोना लॉकडाउन के दौरान सोनू सूद ने हजारों मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने में मदद की थी। सोनू ने बस, ट्रेन और दूसरे वाहनों से करीब 25 हजार से ज्यादा लोगों को न सिर्फ उनके घर तक पहुंचाया था, बल्कि रास्ते में उनके खाने-पीने का भी इंतजाम किया था। इसके बाद लोगों ने सोनू सूद को भगवान का दर्जा दिया था। इन्हीं में से एक प्रवासी मजदूर प्रशांत कुमार ने भी सोनू के प्रति आभार जताया है। उड़ीसा के केंद्रपाड़ा के रहने वाले प्रशांत ने अब एक वेल्डिंग वर्कशॉप खोली है और इसका नाम उन्होंने सोनू सूद वेल्डिंग शॉप रखा है।
32 साल के प्रशांत कोच्चि एयरपोर्ट के पास एक कंपनी में प्लम्बर का काम करते थे। लॉकडाउन के दौरान प्रशांत पूरी तरह बेरोजगार हो गए। इस दौरान उनके पास बचत के पैसे भी खत्म हो गए। इसके बाद प्रशांत ने एक इंटरव्यू में बताया कि वो श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सीट नहीं ले सके। इसके बाद सोनू ने उनकी मदद की और 29 मई के दिन वो स्पेशल फ्लाइट के जरिए केरल से अपने घर उड़ीसा पहुंचे।
सोनू सूद के मुताबिक, घर वापस पहुंचने के बाद प्रशांत ने मुझसे दुकान का नाम और उनका फोटो इस्तेमाल करने की परमिशन मांगी थी। इस पर मैंने कहा कि मैंने कई ब्रांड्स के ऐड किए हैं, लेकिन ये तो मेरे दिल के सबसे करीब होगा। सोनू ने कहा कि मैं जब भी उड़ीसा जाऊंगा तो प्रशांत की दुकान पर भी जाऊंगा।
बता दें कि सोनू सूद ने हाल ही में मुंबई पुलिस को 25 हजार फेसशील्ड डोनेट किए हैं। इसकेा जिक्र खुद महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने ट्वीट के जरिए किया था। इसके साथ ही लॉकडाउन के दौरान मदद की कहानियों पर सोनू सूद जल्द ही एक किताब भी प्रकाशित करने वाले हैं।