कोरोना संक्रमण (corona virus) की तीसरी लहर से निपटने केंद्र और राज्य सरकारें अलर्ट मोड पर हैं। 9 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिव्यू मीटिंग की थी और आज (10 जनवरी) को केंद्रीय हेल्थ मिनिस्टर मनसुख मंडाविया 5 राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से बातचीत करेंगे।
नई दिल्ली.कोरोना संक्रमण (corona virus) की तीसरी लहर को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारें अलर्ट मोड पर हैं। इसी बाबत 9 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिव्यू मीटिंग की थी और आज(10 जनवरी) को केंद्रीय हेल्थ मिनिस्टर मनसुख मंडाविया(Dr Mansukh Mandaviya) 5 राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से बातचीत करेंगे। ये राज्य हैं-महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और केंद्र शासित दादर नगर हवेली और दमन तथा दीव।
प्रोटोकॉल का पालन कराने पर जोर
डॉ. मंडाविया के साथ पांच राज्यों इस बैठक में कोरोना प्रोटोकॉल, अस्पतालों में ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था, अस्थायी अस्पतालों की व्यवस्था आदि से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। बता दें कि 9 जनवरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Modi) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) पर समीक्षा बैठक की थी। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री, गृह मंत्री, गृह सचिव, कैबिनेट सचिव समेत कई अधिकारी मौजूद थे। पीएम मोदी ने बैठक में ओमीक्रोन वेरिएंट की वजह से बढ़ रहे कोरोना मामलों के मद्देनजर तैयारियों पर विशेष ध्यान दिए जाने का निर्देश दिया था।
जनवरी आखिरी तक रोज 8 लाख केस की आशंका
ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant) की वजह से देश में कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर आ गई है। महाराष्ट्र, दिल्ली, पश्चिम बंगाल आदि में कोविड-19 (Covid-19) के केस तेजी से बढ़े हैं. कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि फरवरी में इस लहर का पीक देखने को मिल सकता है। इस समय जो ट्रेंड और डेटा मिल रहा है, उसके आधार पर आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर और गणितज्ञ मनिंद अग्रवाल का मानना है कि जनवरी के आखिरी तक देश में रोजाना कोरोना संक्रमण के 8 लाख मामले देखने को मिल सकते हैं। ऐसा अगले 4-5 दिनों में स्पष्ट हो जाएगा।
कोरोना का नया वैरिएंट मिला
फ्रांस में मिले कोरोना वायरस के नए वैरिएंट आईएचयू (new corona varinat Ihu) को लेकर राहत भरी खबर आई है। दरअसल, एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि इस वैरिएंट का प्रसार बेहद कम है और इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। यह अध्ययन वेबसाइट medRxiv पर प्रकाशित हुआ है। शोधकर्ताओं का कहना है कि अभी आईएचयू (IHU) वैरिएंट पर अटकलें लगाना अभी जल्दबाजी होगी, क्योंकि इस वेरिएंट से संक्रमित मरीजों की संख्या अभी बेहद कहम है। हालांकि, इस वैरिएंट के व्यवहार की जांच अभी प्रारंभिक चरण में है।
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