चीन के 3 प्रांतों में कोरोना से हालात सबसे बदतर हैं। ये प्रांत सिचुआन, हेनान और हुबेई हैं। इन प्रांतों में कोरोना के चलते करीब 2 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं।
COVID-19 BF.7: कोरोना ने चीन में एक बार फिर हाहाकार मचाया है। स्कूल-कॉलेज, मॉल, दुकान हर जगह कोविड मरीजों का अस्थायी अस्पताल बना हुआ है। स्टूडेंट्स डिप लगाकर क्लास में हैं। कोरोना से हो रही मौतों की वजह से अब अंतिम संस्कार के लिए कई कई हफ्ते की वेटिंग है। चीन में लाशों को स्टोर करने की जगह तक नहीं बची है। यहां क्रीमिटोरियम में शवों को पूरी तरह जलाने के पहले ही कई और शव आ जा रहे हैं। श्मशानों में 20 दिन की वेटिंग है। यह इसलिए क्योंकि जब तक शव पूरी तरह से जल नहीं जाते तब तक उसी जगह पर दूसरे शवों को नहीं जलाया जा सकता है। चीन में कोरोना से हालात बिगड़ते जा रहे हैं लेकिन यहां के राष्ट्रपति चुप्पी साधे हुए हैं।
अस्पतालों में जगह नहीं, कुर्सियां बनी बेड लेकिन...
चीन के शहरों में अस्पतालों में जगह नहीं है। कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या की वजह से अस्पतालों के चेयर तक मरीजों से अटे पडे़ हुए हैं। कई माल्स, स्कूल आदि को भी अस्थायी अस्पताल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है लेकिन स्थितियां खराब ही हैं। हास्पिटल्स के लॉबी में स्ट्रेचर्स भी भरे हुए हैं।
नए वेरिएंट ने मचाया है चीन में हाहाकार
दरअसल, चीन में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट BF.7 ( BA.5.2.1.7) हाहाकार मचाया हुआ है। दवाइयों की जबर्दस्त किल्लत है। यहां दवाएं कई गुना कीमत पर बिक रही हैं। दवाओं की प्रॉडक्शन बढ़ाने फॉर्मास्यूटिकल्स कंपनियां 24 घंटे काम कर रही हैं। ब्लूमबर्ग ने चीन की नेशनल हेल्थ कमीशन के हवाले से कहा कि मंगलवार को यहां 3 करोड़ 70 लाख मामले मिले थे। यह एक रिकॉर्ड है। इस महीने के शुरुआती 20 दिनों में 24 करोड़ 80 लाख लोग पॉजिटिव हो चुके हैं। जबकि जनवरी में एक दिन में 40 लाख संक्रमित सामने आए थे।
कई प्रांतों में शहर में दिख रहीं सिर्फ लाशें...
रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के 3 प्रांतों में कोरोना से हालात सबसे बदतर हैं। ये प्रांत सिचुआन, हेनान और हुबेई हैं। इन प्रांतों में कोरोना के चलते करीब 2 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। इसके अलावा चीन के हुनान, बीजिंग, अनहुई, शेनडांग, हेबेई और ग्वांगडोंग प्रांतों में भी 1 से 2 करोड़ लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। हालांकि, चीनी शासन अभी भी असली आंकड़ा छुपा ही रहा है। 2019 में भी जब कोरोना आया था तो चीन ने उस समय भी सही डेटा दुनिया से छिपाया था, इस बार भी हालात बद्तर हैं लेकिन डेटा सामने नहीं आ रहा।
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