एशिया कप 2022 (Asia Cup) का खिताब श्रीलंका की टीम ने शानदार खेल (Sri Lanka wins Asia Cup) के दम पर अपन नाम कर लिया। एशिया कप से 5 बड़ी चीजें बाहर निकलकर आई हैं, जो विश्व कप के लिए टीमों का रास्ता तय करेंगी।
Asia Cup 5 Talking Points. एशिया कप का शानदार समापन हुआ और क्राउन डिजर्व करने वाली टीम ने ही जीता। श्रीलंका की टीम ने शानदार खेल का मुजाहिरा करते हुए पाकिस्तान को हाई प्रेशर गेम में मात दे दी। ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान की गलती के कारण श्रीलंका विनर बना है बल्कि यह विशुद्ध टीम एफर्ट था। ऐसी ही कुछ और प्वाइंट्स हैं, जो एशिया कप से बाहर निकलकर आए हैं। आइए जानते हैं क्या हैं एशिया कप के 5 टॉकिंग प्वाइंट्स...
श्रीलंका का सरप्राइज: एशिया कप 2022 की विनर श्रीलंका की सबसे बड़ी खासियत है कि उन्होंने टीम की तरह खेला। फाइनल मुकाबले का एग्जांपल लें, जब श्रीलंका 5 विकेट खोकर मुश्किल में दिख रही थी तो भानुका राजपक्षे ने अचानक एक क्लासिकल पारी खेल डाली। राजपक्षे नें 45 गेंदों पर 71 रन उस वक्त बनाए जब इसकी सबसे ज्यादा दरकार थी। पाकिस्तान बैटिंग कर रही थी तो हसरंगा ने उस वक्त स्ट्राइक करके एक ही ओवर में 3 विकेट निकाले जब पाकिस्तानी अपने हाथ खोल रहे थे। खिलाड़ियों ने शानदार कैच पकड़े। श्रीलंका में भले ही कोई विश्व स्तरीय स्टार नहीं है, लेकिन टीम ने विश्व स्तरीय एफर्ट के दम पर क्रिकेट के हर क्षेत्र विपक्षियों को मात दी।
विराट कोहली की फॉर्म वापसी: एशिया कप का दूसरा टॉकिंग प्वाइंट विराट कोहली की फार्म वापसी रही। विराट से दो मैच ज्यादा खेलकर पाकिस्तानी बैट्समैन मोहम्मद रिजवान ने भले ही कोहली को सरपास कर दिया लेकिन विराट की फार्म वापसी चर्चा का विषय है। विराट ने एशिया कप में सबसे ज्यादा रन बनाए। भारत की तरह से सबसे बढ़िया स्ट्राइक रेट से रन बनाए। यह विश्व कप में भारत की उम्मीदों को मजबूत करता है। लेकिन यहीं टीम को सावधान रहने की जरूरत है। भारतीय बैटिंग विराट के इर्द-गिर्द ही न सिमट जाए, यह माइंड में रखना होगा।
अफगानिस्तान बना फाइटर: सुपर-4 के अंतिम मुकाबले में भले ही अफनिस्तान भारत से 101 रन से हार गया लेकिन इस टीम ने एशिया कप में जज्बा दिखाया है। पाकिस्तान के खिलाफ मैच में जो इवेंट हुए उसे अगर छोड़ भी दिया जाए तो किसी मैच में ऐसा नहीं लगा कि अफगानिस्तान हार जाएगा। उनके गेंदबाजों, बैट्समैन और फील्डर्स ने अपना काम बेहतरीन तरीके से किया। एशिया कप के शुरूआती दो मैचों में तो अफगान प्लेयर्स ने सनसनी फैला दी थी। यह टीम हर मैच फाइनल की तरह खेल रही थी। आने वाले इवेंट्स में अफगानिस्तानव बड़ी टीमों को हराने का दमखम रखती है।
टीम इंडिया का ओवरकांफिडेस: भारत की टीम एशिया कप में डिफेंडिंग चैंपियन के तौर पर गई थी। पाकिस्तान के खिलाफ पहला मुकाबला छोड़ दें तो किसी भी मैच में टीम की स्पिरिट सुस्त दिखी। खिलाड़ी आते गए, खेलते गए और टीम हारती गई। विराट कोहली को छोड़ दें तो कोई भी कंसिस्टेंट नहीं रहा। हार्दिक पांड्या एक मैच के बाद सीन से गायब नजर आए, वे खेले जरूर लेकिन बस एक प्लेयर की तरह। बैटिंग ऑर्डर से छेड़छाड़ ऐसी रही कि मिडिल ऑर्डर कभी कंफर्ट नहीं दिखा। यही हाल गेंदबाजी में भी रहा। टीम इंडिया 8वीं बार खिताब जीतने के ओवर कांफिडेंस में ऐसा फंसी की सिर्फ प्रयोग तक ही सीमित रही।
पाकिस्तान की कमजोर नस: पाकिस्तान की टीम चैंपियन बनने की पूरी काबिलियत रखती है लेकिन एक कमजोरी ने टीम का पत्ता साफ कर दिया। पाकिस्तान के बाएं हाथ के हार्ड हीटर गुगली में गच्चा खा जाते हैं, इसका पता चलने पर श्रीलंका ने फौरन रणनीति चेंज की। फाइनल मुकाबले में श्रीलंका के गेंदबाजों ने शानदार स्लोवर्स का इस्तेमाल किया। पाकिस्तान के तेज गेंदबाज 150 की स्पीड से गेंद डाल रहे थे लेकिन श्रीलंका के तेज गेंदबाजों ने 120-30 के स्पीड पर स्लोवर वन्स गेंदे डाली। इससे दबाव बना और जब हसरंगा ने गुगली टाइप गेंद डालनी शुरू की तो 1 ही ओवर में 3 विकेट चटका गए। पाकिस्तान की टीम शानदार खिलाड़ियों से भरी पड़ी है लेकिन फाइनल में श्रीलंका की एक चालाकी ने उन्हें हरा दिया। विश्व कप के लिए टीम को बेसिक्स पर ध्यान देना होगा।
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