बीसीसीआई के सेंट्रल कान्ट्रैक्ट में नहीं मिली बराबरी, जानें मेंस क्रिकेटरों के सामने कहां ठहरती हैं महिलाएं

बीसीसीआई ने महिला क्रिकेटरों को मिलने वाली मैच फीस को पुरूष क्रिकेटरों के बराबर करने का ऐलान कर दिया है। यह भारत में पेशेवर महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए बहुत बड़ा कदम है और इसका महिला क्रिकेटरों ने भी स्वागत किया है।
 

Manoj Kumar | Published : Oct 28, 2022 8:31 AM IST

BCCI Equity Pay Policy. बीसीसीआई ने महिला क्रिकेटरों को मिलने वाली मैच फीस को पुरूष क्रिकेटरों के बराबर करने का ऐलान कर दिया है। यह भारत में पेशेवर महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए बहुत बड़ा कदम है और इसका महिला क्रिकेटरों ने भी स्वागत किया है। लेकिन अभी भी सेंट्रल कांन्ट्रैक्ट में महिला क्रिकेटरों का बराबरी का दर्जा नहीं दिया गया है और वहां बड़ी असमानता बनी हुई है। आइए जानते हैं सेंट्रल कांन्ट्रैक्ट में क्या है महिला-पुरूष क्रिकेटर्स का हाल...

क्या होता है सेंट्रल कांन्ट्रैक्ट
बीसीसीआई देश के पुरूष और महिला क्रिकटर्स के साथ एनुअल सेंट्रल कांन्ट्रैक्ट करता है। यह हर साल रिन्यू किया जाता है। हर साल खिलाड़ियों की परफार्मेंस और क्लास के आधार पर ग्रेड को बढ़ाया या घटाया जाता है जिसके लिए बीसीसीआई प्लेयर्स को मोटी रकम देता है। फिलहाल पुरूष खिलाड़ियों का ए प्लस, ए, बी, सी कुल चार कैटेगरी है। जबकि महिला क्रिकटर्स के लिए ए, बी और सी यानि कुल 3 कैटेगरी में कांन्ट्रैक्ट किया जाता है। इसकी सालाना रकम की बात करें तो पुरूषों की सी कैटेगरी के बराबर भी महिलाओं की ए कैटगरी को भुगतान नहीं किया जाता।

महिलाओं को किस ग्रेड में कितना पेमेंट

अब कितनी मिलेगी मैच फीस

न्यूजीलैंड में पहले से लागू हैं नियम 
बीसीसीआई की नई पॉलिसी के बाद भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं क्योंकि यह महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए बहुत बड़ा कदम है। हालांकि न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड ने इस साल की शुरूआत में महिला क्रिकेटर्स की फीस बढ़ाने का काम किया है। इसके बाद न्यूजीलैंड में महिला और पुरूष क्रिकेट प्लेयर्स को समान मैच फीस मिलती है।

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