भारतीय क्रिकेट टीम के स्पिनर आर अश्विन ने संजय मांजरेकर के साथ पोडकास्ट में बात करते हुए साल 2010 आइपीएल के बुरे अनुभव को साझा किया। अश्विन ने 2010 में खेले गए IPL को याद करते हुए कहा कि मैं उस वक्त CSK के लिए खेल रहा था, लेकिन मात्र दो मैचों में खराब प्रदर्शन के बाद मुझे टीम से निकाल दिया गया। उस समय ना तो टीम के कोच फ्लेमिंग ने मुझसे बात की और ना ही टीम मैनेजमेंट ने मेरा साथ दिया।
स्पोर्ट्स डेस्क. कोरोना वायरस के कारण लोग अपने घरों में रहने को मजबूर हैं। ऐसे में क्रिकेट जगत के धुरंधर भी इन दिनों घरों से ही लोगों से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इसी कड़ी में भारतीय क्रिकेट टीम के स्पिनर आर अश्विन ने संजय मांजरेकर के साथ पोडकास्ट में बात करते हुए साल 2010 आइपीएल के बुरे अनुभव को साझा किया। अश्विन ने 2010 में खेले गए IPL को याद करते हुए कहा कि मैं उस वक्त CSK के लिए खेल रहा था, लेकिन मात्र दो मैचों में खराब प्रदर्शन के बाद मुझे टीम से निकाल दिया गया। उस समय ना तो टीम के कोच फ्लेमिंग ने मुझसे बात की और ना ही टीम मैनेजमेंट ने मेरा साथ दिया।
इस मैंच के कारण अश्विन हो गए थे टीम से बाहर
अश्विन ने बताया कि यह मेरे लिए एक तमाचे की तरह था। मुझे ऐसा लगा जैसे कोई हमसे कह रहा हो कि तुम IPL में खेलने लायक नहीं हो। उन्होंने उस मैच को भी याद किया जिसमें अश्विन को सबसे ज्यादा मार पड़ी थी। उन्होंने बताया कि बैंगलोर के खिलाफ हुए मैच में मैंने 14वां,16वां,18वां और 20वां ओवर फेंका था। लेकिन क्रीज पर मौजूद रॉबिन उथप्पा और मार्क बाउचर ने मेरी खूब खबर ली। मैंने उस मैच में 40-45 रन दिए और एक भी विकेट मुझे नहीं मिला। जिसके कारण मुझे टीम से बाहर कर दिया गया। उस मैच से मैंने सीख ली और फिर मैंने यह तय किया कि अब मैं हमेशा अच्छा प्रदर्शन करूंगा।
अश्विन ने जडेजा की जमकर तारीफ की
अश्विन ने बातचीत में रविद्र जडेजा की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि जडेजा नैचुरल तौर पर काफी फिट हैं। उन्हें फिट रहने के लिए ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन वहीं अगर मैं अपनी बात करू तो मुझे ज्यादा कोशिश करनी पड़ती है। फिटनेस के मामले में कुछ लोगों को भगवान की तरफ से आशीर्वाद मिलता है और जडेजा के साथ ऐसा ही है। वो नैचुरल क्रिकेटर हैं जिसमें बल्लेबाजी, गेंदबाज व फील्डिंग की काबिलियत है।