लार्ड्स में 'झूलु दी' की यादगार विदाई के लिए भारतीय महिलाओं ने कसी कमर, जानें कैसा रहा इस महान क्रिकेटर का सफर

महिला क्रिकेट में तेज गेंदबाजी का पर्याय बन चुकी झूलन गोस्वामी शनिवार को लॉर्ड्स में क्रिकेट को अलविदा कह देंगी। यह मैच जीतकर टीम झूलन को यादगार विदाई देना चाहेगी। भारतीय महिला टीम इंग्लैंड की धरती पर वनडे सीरीज में ऐतिहासिक क्लीन स्वीप करना चाहेगी। 
 

Jhulan Goswami Retires From Cricket. इंग्लैंड के लार्ड्स में मैच खेलना किसी भी क्रिकेटर का सपना होता है। यहां शतक बनाना या पांच विकेट लेना अलग बात है। लेकिन क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले इस मैदान पर शानदार करियर को अलविदा कहना कुछ चुनिंदा लोगों के लिए ही मुमकिन हो पाता है। यह मौका न तो सुनील गावस्कर को मिला और न हीं सचिन तेंदुलकर, ब्रायन लारा या ग्लेन मैक्ग्रा को ही यह नसीब हो सका। यह मौका 20 साल तक भारतीय महिला क्रिकेट टीम की रीढ़ बनी रहने वाली झूलन गोस्वामी को मिला है। जी हां 24 सितंबर को झूलन गोस्वामी इसी लार्ड्स के मैदान अंतिम वनडे मैच खेलेंगी।

कैसा होगा सम्मान 
इससे अच्छा इस महिला खिलाड़ी के लिए कुछ भी नहीं हो सकता। 5 फीट 11 इंच की महिला क्रिकेटर जब उस लॉन्ग रूम से गुजरेंगी तो एमसीसी के शूट में खड़े उनके साथी उसे गार्ड ऑफ ऑनर देंगीं। भारत बनाम इंग्लैंड सीरीज की बात करें तो भारत पहले ही 2-0 की अजेय बढ़त बना चुका है। हरमनप्रीत कौर और उनकी टीम इसे भारतीय क्रिकेट की पोस्टर गर्ल्स में से एक की विदाई करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। T20I श्रृंखला हारने के बाद भारत ने दो मैचों में इंग्लैंड की टीम के खिलाफ बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। टीम की कप्तान हरमनप्रीत को ने नाबाद 74 और नाबाद 143 रनों की पारियां खेली हैं। वहीं शैफाली वर्मा खराब फॉर्म से जूझ रही हैं। हरलीन देओल ने खुद को भरोसेमंद मध्य क्रम के बल्लेबाज के रूप में स्थापित किया है। लेकिन गोस्वामी के संन्यास के साथ ही मेघना सिंह, रेणुका ठाकुर और पूजा वस्त्राकर के सीम आक्रमण को और अधिक बढ़ाने की आवश्यकता होगी। जहां तक ​​इंग्लैंड का सवाल है तो कप्तान हीथर नाइट और स्टार ऑलराउंडर नट साइवर की अनुपस्थिति ने टीम के संतुलन को काफी प्रभावित किया है। 

Latest Videos

झूलन गोस्वामी का प्रभाव तब और अब
पिछली बार भारतीय महिलाओं ने इंग्लैंड में 1999 में एकदिवसीय श्रृंखला जीती थी। तब गोस्वामी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण नहीं किया था। इसलिए जब वह अपने 204वें और आखिरी गेम के लिए उपस्थित होती हैं तो भारतीय टीम की  झुलू दी को पता चल जाएगा कि वह संतुष्ट हैं। जब वह आखिरी बार अपनी गेंदबाजी की छाप छोड़ेंगी और अपने 353 अंतरराष्ट्रीय विकेटों में कुछ और विकेट जोड़ सकती हैं। सुदूर पश्चिम बंगाल के एक छोटे से शहर चकदाह से लेकर आईसीसी वुमन क्रिकेटर ऑफ द ईयर जीतने और 20 साल तक भारतीय तेज आक्रमण को संभालने तक झूलन का सफर शानदार रहा है। 

कैसा रहा झूलन गोस्वामी का सफर
पहली लोकल ट्रेन से कोलकाता पहुंचना और उत्तरी कोलकाता के श्रद्धानंद पार्क में रूटीन के साथ शुरुआत करने से शुरू यह यात्रा आसान नहीं थी। भारत में पदार्पण के बाद भी जब वह चकदह स्टेशन से घर वापस जातीं तो एक खुले वैन रिक्शा में बैठी नजर आतीं थीं। जब वह पहली बार भारत के लिए खेली थी, तब शैफाली वर्मा और ऋचा घोष का जन्म भी नहीं हुआ था और जेमिमा रोड्रिग्स शायद डायपर पहनती थीं। हरमनप्रीत तब भी स्वप्निल आंखों वाली मोगा की लड़की थी, जो क्रिकेट खेलना चाहती थीं। जब वह रिटायर हो रही हैं तो हरमनप्रीत उनकी कप्तान हैं और शैफाली, जेमिमाह, ऋचा और यास्तिका भाटिया उनकी टीम की साथी हैं। और हां यह भी कि महिलाओं के लिए भी आईपीएल शुरू होने वाला है, महिला क्रिकेटरों के पास केंद्रीय अनुबंध है और उनमें से ज्यादातर मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू और ऑडी चला रही हैं क्योंकि महिला क्रिकेट में भी बहुत पैसा आया है। 

यह भी पढ़ें

कौन हैं झूलन गोस्वामी? जो हैं भारतीय महिला क्रिकेट की सचिन तेंदुलकर, इनकी इन-स्विंग पर 'हिटमैन' भी खा गए गच्चा
 

Share this article
click me!

Latest Videos

झांसी में चीत्कारः हॉस्पिटल में 10 बच्चों की मौत की वजह माचिस की एक तीली
Dehradun Car Accident CCTV Video: हादसे से पहले कैमरे में कैद हुई इनोवा | ONGC Chowk
खराब हो गया पीएम मोदी का विमान, एयरपोर्ट पर ही फंस गए प्रधानमंत्री । PM Modi । Deoghar Airport
नाइजीरिया, ब्राजील, गुयाना की 5 दिन की यात्रा पर निकले PM मोदी
पहली बार सामने आया SDM थप्पड़ कांड का सच, जानें उस दोपहर क्या हुआ था । Naresh Meena । Deoli-Uniara