भारतीय क्रिकेटर मुरली विजय (Murli Vijay) ने कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगवाने से इनकार कर दिया है। इसके बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया है।
स्पोर्ट्स डेस्क: क्रिकेटर मुरली विजय (Murali Vijay) देश के ऐसे पहले क्रिकेटर बन गए हैं जिन्होंने कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगवाने से इनकार कर दिया है। उनके इस फैसले को अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा माना जा रहा है। इस फैसले के बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया है। घरेलू टी20 सीरीज सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए उनका तमिलनाडु टीम में चयन किया गया था लेकिन उन्होंने वैक्सीन लेने और बॉयो बबल में रहने से साफ इनकार कर दिया।
मुरली विजय पर कार्रवाई कर सकता है बीसीसीआई:
मुरली विजय इस अपने इस फैसले के बाद बीसीसीआई (BCCI) की नजरों में आ गए हैं। माना जा रहा है कि बोर्ड इसे अनुशासनहीनता का मामला मानकर उन पर कार्रवाई भी कर सकता है। ये कार्रवाई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों रूपों में हो सकती है। वैसे मुरली विजय काफी समय से टीम से बाहर चल रहे हैं। उन्होंने अपना अंतिम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच (टेस्ट) साल 2018 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था। मुरली विजय अपने व्यवहार के कारण पहले भी विवादों में आ चुके हैं। कई बार टीम में चयन होने पर वे खुलकर इसका विरोध करते हैं। यही वजह है कि उन्हें काफी समय से राष्ट्रीय टीम में नहीं चुना जा रहा है।
क्या कहता है बीसीसीआई का नियम:
किसी भी क्रिकेट टूर्नामेंट को लेकर बीसीसीआई का नियम स्पष्ट है। टूर्नामेंट की शुरुआत से पहले सभी खिलाड़ियों को कोरोना टेस्ट करवाना अनिवार्य होता है। इसके बाद टूर्नामेंट की शुरुआत के एक सप्ताह से लेकर टूर्नामेंट के अंत तक खिलाड़ियों को बॉयो-बबल में रहना होता है। इस दौरान खिलाड़ियों को किसी भी बाहरी व्यक्ति से मिलने और बाहर जाने की आजादी नहीं होती है। ऐसा करने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। बीसीसीआई ने सभी राज्य खेल संघों को भी इस नियम के कड़ाई से पालन करने के निर्देश दे रखे हैं। इससे पूर्व आईपीएल 2021 (IPL 2021) का पहला चरण इसीलिए रद्द करना पड़ा था क्योंकि खिलाड़ियों ने बॉयो-बबल के नियमों की ठीक से पालना नहीं की थी।
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