वर्ल्ड स्पोर्ट्स डे (World Sports Day) के दिन ही अब से 12 साल पहले क्रिकेट की दुनिया में भूचाल आ गया था। पाकिस्तान स्पॉट-फिक्सिंग प्रकरण (Spot-fixing) ने संभ्रांत लोगों का खेल कहे जाने वाले क्रिकेट पर वह बदनुमा दाग लगाया था, जिसकी कालिख आज भी वैसी की वैसी है। आखिर क्या था स्पॉट-फिक्सिंग कांड? आप भी जानें।
Pakistan Spot-Fixing. दुनियाभर में 29 अगस्त को वर्ल्ड स्पोर्ट्स डे मनाया जाता है। लेकिन अब से करीब 12 साल पहले यानी 2010 में यह दिन स्पोर्ट्स के लिए काला दिन बन गया था। दरअसल 2010 में पाकिस्तान स्पॉट फिक्सिंग कांड ने क्रिकेट जगत को हिलाकर रख दिया था। रिपोर्ट्स के अनुसार एक ब्रिटिश खेल एजेंट मजहर मजीद ने 150,000 पाउंड देकर पाकिस्तान के दो खिलाड़ियों को स्पॉट फिक्सिंग के लिए राजी किया था। वे पाकिस्तानी गेंदबाज मोहम्मद आमिर और मोहम्मद आसिफ थे। दावा यह भी किया गया था कि उस समय के पाकिस्तानी कप्तान सलमान बट को इस बात की जानकारी थी।
कैसे हुई थी स्पॉट-फिक्सिंग
आज ही के दिन 2010 में क्रिकेट को शायद सबसे काले दिनों का सामना करना पड़ा था। जब स्पॉट फिक्सिंग की संदिग्ध दुनिया ने क्रिकेट के खेल को दागदार बना दिया। लार्ड्स के मैदान पर इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच टेस्ट मैच चल रहा था। उसी समय एक ब्रिटीश टैब्लॉयड अखबार ने स्टिंग ऑपरेश करके स्पॉट-फिक्सिंग के काले सच से पर्दा उठाया था। यह टेस्ट मैच स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों की वजह से जांच के केंद्र में आ गया। तब 35 वर्षीय बुकी मजहर मजीद को गिरफ्तार किया गया था। वह एक स्पोर्टिंग एजेंट था जिसने कथित तौर पर टेस्ट मैच के दौरान जानबूझकर नो बॉल फेंकने के लिए कुछ पाकिस्तानी क्रिकेटरों को रिश्वत देने का दावा किया था।
कौन-कौन थे इसमें शामिल
रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि मजीद ने 1.5 लाख पाउंड में स्पॉट फिक्स का सौदा तय किया था। जिसमें पाकिस्तान के गेंदबाज मोहम्मद आमिर और मोहम्मद आसिफ शामिल थे। रिपोर्टों में कहा गया कि ये दोनों गेंदबाज पहले से निर्धारित टाइम पर नो-बॉल फेंकेंगे। यह भी आरोप लगाया गया कि पाकिस्तान के तत्कालीन कप्तान सलमान बट और विकेटकीपर कामरान अकमल सहित तीन अज्ञात खिलाड़ी भी स्पॉट-फिक्सिंग में शामिल थे। रिपोर्ट में एक वीडियो जारी किया गया जिसमें मजीद दावा कर रहा था कि आमिर इंग्लैंड की पारी के पहले ओवर में किस तरह की गेंदबाजी करेंगे।
10 साल का लगा था बैन
इन रिपोर्ट्स के बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) हरकत में आई और एक ट्रिब्यूनल का गठन किया गया। जिसमें आईसीसी की भ्रष्टाचार विरोधी इकाई और स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने जांच की थी। इस संयुक्त जांच में सलमान बट पर 10 साल के प्रतिबंध लगाया था। आसिफ के लिए सात साल और आमिर के लिए क्रिकेट के किसी भी रूप में पांच साल का प्रतिबंध लगाया गया था। मोहम्मद आमिर ने 2016 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की और उसी लॉर्ड्स में टेस्ट मैच खेला। हालांकि सलमान बट और मोहम्मद आसिफ दोनों की वापसी नहीं हुई और बाद में उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
यह भी पढ़ें