Prithvi Shaw Triple Ton: 1948 के बाद ऐसा करने वाले पहले बल्लेबाज बने पृथ्वी, जानें इस तिहरे शतक के क्या मायने?

रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) के इतिहास में आजादी के बाद पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) दूसरे ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने 379 रनों की बड़ी पारी खेली। इससे पहले यह रिकॉर्ड संजय मंजरेकर (Sanjay Manjerekar) के नाम था जिन्होंने 1991 में 377 रनों की मैराथन पारी खेली थी।
 

Manoj Kumar | Published : Jan 11, 2023 8:45 AM IST

Prithvi Shaw Triple Century. रणजी ट्रॉफी में असम के खिलाफ 379 रनों की बड़ी पारी खेलने वाले पृथ्वी शॉ ने कई बड़े रिकॉर्ड्स भी ब्रेक कर दिए हैं। रणजी ट्रॉफी के इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाने वालों की लिस्ट में पृथ्वी दूसरे नंबर पर पहुंच गए हैं। जबकि मुंबई की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में वे नंबर वन हो गए हैं। इसके साथ ही यह युवा बल्लेबाज एक और बड़ा रिकॉर्ड तोड़ने के करीब पहुंच गया था, जिसके बाद इनका नाम इतिहास में दर्ज हो जाता। आइए जानते हैं, वह रिकॉर्ड आखिर है क्या...

पहले बात ऐतिहासिक रिकॉर्ड की
1948 में महाराष्ट्र के बल्लेबाज बाबूसाहेब निंबालकर ने काठियावाड़ के खिलाफ रणजी इतिहास की सबसे बड़ी पारी खेली थी और वह रिकॉर्ड अभी तक कायम है। निंबालकर ने तब 494 गेंदों का सामना करते हुए 443 रनों की बड़ी पारी खेली थी। इसके बाद दूसरी सबसे बड़ी पारी 1991 में संजय मांजरेकर ने 377 रनों की खेली। हालांकि अब पृथ्वी शॉ ने मांजरेकर को पीछे छोड़ दिया है और इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर पहुंच गए हैं।

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पृथ्वी शॉ के यह रिकॉर्ड्स

पारी में जड़े 49 चौके
रणजी ट्रॉफी मुकाबले में पृथ्वी शॉ ने असम के खिलाफ 383 गेंदों का सामना किया और 379 रन बना डाले। इस पारी में पृथ्वी के बल्ले से कुल 49 चौके और 4 छक्के निकले। यह उनके फर्स्ट क्लास क्रिकेट का पहला तिहरा शतक है। जिस पर वे खेल रहे थे तो ऐसा लग रहा था कि वे निंबालकर का रिकॉर्ड भी ध्वस्त कर देंगे लेकिन इससे पहले ही वे रियान पराग की गेंद पर विकेट दे बैठे। पृथ्वी का यह शतक घरेलू मैदान पर 6 साल के बाद कोई तिहरा शतक है। इससे पहले घरेलू टूर्नामेंट में 2017 में तिहरा शतक लगा था।

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