सिर्फ 22 मैच दूर टी-20 वर्ल्डकप, धोनी का विकल्प बनने में पंत असफल, अब इन दो नए चेहरों पर सिलेक्टर्स की नजर

 अफ्रीका के खिलाफ होने वाली टी-20 सीरीज में महेंद्र सिंह धोनी के चयन की संभावनाएं काफी कम मानी जा रही हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में तो ये भी दावा किया जा रहा है कि इस सीरीज से उन्हें बाहर भी किया जा सकता है। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 29, 2019 12:08 PM IST / Updated: Aug 30 2019, 01:25 PM IST

नई दिल्ली. अफ्रीका के खिलाफ होने वाली टी-20 सीरीज में महेंद्र सिंह धोनी के चयन की संभावनाएं काफी कम मानी जा रही हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में तो ये भी दावा किया जा रहा है कि इस सीरीज से उन्हें बाहर भी किया जा सकता है। धोनी हाल ही में भारतीय सेना में 2 महीने सेवाएं देकर लौटे हैं। धोनी टेस्ट से पहले ही सन्यास ले चुके हैं। 

रिपोर्ट के मुताबिक, चयनकर्ता अगले साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 वर्ल्डकप को ध्यान में रखकर टीम का चयन करने के बारे में सोच रहे हैं। इसी के चलते रिषभ पंत (21) को ज्यादा से ज्यादा मौका देना चाहते हैं।

वर्ल्ड कप तक भारत को सिर्फ 22 मैच खेलने हैं
15 सितंबर से धर्मशाला में शुरू हो रही 3 टी-20 मैचों की सीरीज के लिए 4 सितंबर को टीम का ऐलान हो सकता है। रिपोर्ट में बीसीसीआई के अफसर के हवाले से कहा गया है कि टी-20 वर्ल्ड कप से पहले भारत को इस फॉर्मेट के सिर्फ 22 मैच खेलने हैं। इसलिए चयनकर्ता यह मन बना चुके हैं कि उन्हें आगे बढ़ना है। 

धोनी की गैरमौजूदगी में पंत को मिला मौका
वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से मिली हार के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि धोनी सन्यास का ऐलान कर सकते हैं। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ। धोनी ने वेस्टइंडीज सीरीज से आराम लेकर सेना में ट्रेनिंग की थी। धोनी की गैरमौजूदगी में वेस्टइंडीज के खिलाफ तीनों फॉर्मेट में रिषभ पंत को मौका दिया गया। हालांकि, इस दौरे पर वे अभी तक कुछ खास नहीं कर पाए। खासतौर पर टी-20 और वनडे में। उन्होंने इस सीरीज में 2 टी-20, तीन वनडे और एक टेस्ट खेला है, जिसमें सिर्फ 120 रन बनाए हैं।

तीन विकेटकीपरों का पूल तैयार करने की योजना
रिपोर्ट्स की मानें तो चयनकर्ता तीन विकेटकीपरों का एक पूल तैयार करने की योजना बनाई है। इसमें पंत के अलावा संजू सैमसन और इशान किशन चयनकर्ताओं की नजर में हैं। हालांकि, पंत अभी भी पहली पसंद हैं। इसलिए चयनकर्ता उनपर लगातार मैच खिलाकर वर्कलोड डालने के पक्ष में नहीं हैं। दूसरी ओर चयनकर्ता सैमसन के प्रदर्शन पर भी नजर बनाए हुए हैं।

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