सत्ता में आए तो सीएए, एनपीआर व एनआरसी को मौजूदा रूप में नहीं करेंगे लागू : चोपड़ा

Published : Jan 06, 2020, 10:38 AM ISTUpdated : Jan 06, 2020, 10:40 AM IST
सत्ता में आए तो सीएए, एनपीआर व एनआरसी को मौजूदा रूप में नहीं करेंगे लागू : चोपड़ा

सार

विधानसभा चुनाव के लिए दिल्ली कांग्रेस की घोषणापत्र समिति की बैठक में संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए), राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लागू करने के खिलाफ एक प्रस्ताव स्वीकार किया गया

नई दिल्ली: दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने रविवार को कहा कि अगर उनकी पार्टी दिल्ली में सत्ता में आती है, तो मौजूदा रूपों में सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लागू नहीं किया जाएगा और यह वादा आगामी विधानसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा।

विधानसभा चुनाव के लिए दिल्ली कांग्रेस की घोषणापत्र समिति की बैठक में संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए), राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लागू करने के खिलाफ एक प्रस्ताव स्वीकार किया गया।

भाजपा मंहगाई और बेरोजगारी से हटा रही ध्यान

पार्टी के वरिष्ठ नेता और घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष अजय माकन ने एक संयुक्त पत्रकार वार्ता में कहा, ''हमारे घोषणा पत्र के प्रमुख वादों में से एक सीएए, एनपीआर और एनआरसी को मौजूदा रूप में लागू नहीं करने का होगा।'' चोपड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल को सीएए और कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जामिया मिल्लिया इस्लामिया पर पुलिस के 'हमले' को लेकर अपनी पार्टी का रुख स्पष्ट करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ''यदि कांग्रेस पार्टी दिल्ली में सत्ता में आती है, तो वह एनपीआर, एनआरसी और सीएए को वर्तमान रूपों में लागू नहीं करेगी।'' चोपड़ा ने आरोप लगाया केंद्र की भाजपा सरकार लोगों का ध्यान आर्थिक संकट, मंहगाई और बेरोजगारी जैसी समस्याओं से हटाने के लिए विवादास्पद मुद्दों का इस्तेमाल करती है।

2010 और 2020 के एनपीआर में अंतर

भाजपा ने कांग्रेस पर सीएए को लेकर देश में हिंसा भड़काने का आरोप लगाया और कहा कि कानून देश के किसी भी व्यक्ति से नागरिकता नहीं छीनने जा रहा है। माकन ने आरोप लगाया कि 2010 के एनपीआर और 2020 के एनपीआर में 'बड़ा अंतर' है क्योंकि मोदी सरकार ने पहले संस्करण में छह नए खंड जोड़े हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''केजरीवाल सीएए, एनपीआर और एनआरसी पर चुप्पी बनाए हुए हैं, और विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाने को लेकर अनिच्छुक हैं। हालांकि अतीत में मामूली मुद्दों पर ऐसे सत्र बुलाए गए हैं।''

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)

PREV

Recommended Stories

Railway Fare Hike: रेल का सफर होगा महंगा, दाम बढ़ने को लेकर फूटा यात्रियों का गुस्सा
भारत सरकार को संज्ञान लेना होगा, बांग्लादेश में हिंदुओं की हालत पर बोले मोहन भागवत