गुजरात में BJP की एकतरफा आंधी में कांग्रेस और आप दोनों पार्टियां धराशायी हो गईं। बीजेपी ने यहां 156 सीटें जीतकर 37 साल पुराना कांग्रेस का ही रिकॉर्ड तोड़ दिया। 1985 में कांग्रेस ने माधव सिंह सोलंकी की अगुआई में 149 सीटें जीती थीं। लेकिन बीजेपी ने इस बार सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए गुजरात के इतिहास में एक नया रिकॉर्ड बना दिया है।
Gujrat Assembly Election Results 2022: गुजरात में BJP की एकतरफा आंधी में कांग्रेस और आप दोनों पार्टियां धराशायी हो गईं। बीजेपी ने यहां 156 सीटें जीतकर 37 साल पुराना कांग्रेस का ही रिकॉर्ड तोड़ दिया। 1985 में कांग्रेस ने माधव सिंह सोलंकी की अगुआई में 149 सीटें जीती थीं। लेकिन बीजेपी ने इस बार सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए गुजरात के इतिहास में एक नया रिकॉर्ड बना दिया है। बता दें कि इससे पहले बीजेपी को 2002 के चुनाव में 127 सीटें मिली थीं। आखिर क्या हैं, वो वजहें जिनके चलते लगातार पिछले 27 सालों से बीजेपी गुजरात की सत्ता में बनी हुई है। आइए जानते हैं BJP की जीत के 10 सबसे बड़े कारण।
वजह नंबर 1 - बीजेपी के लिए सबसे बड़ा चेहरा और ताकत PM मोदी
गुजरात चुनाव में बीजेपी की सबसे बड़ी ताकत खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहे। चूंकि, गुजरात नरेंद्र मोदी का गृह राज्य भी है, ऐसे में यहां उनकी पॉपुलैरिटी एक अलग ही लेवल पर है। मोदी की छवि का ऐसा असर है कि कई सीटों पर जनता उम्मीदवार के नाम पर नहीं, बल्कि मोदी के नाम पर बीजेपी के लिए वोट देती है और इसका असर गुजरात चुनाव में भी साफ दिखा।
वजह नंबर 2 - PM मोदी की ईमानदार छवि का जनता पर असर
पीएम नरेंद्र मोदी ने लंबे समय तक गुजरात में काम किया है। अब वो देश के लिए काम कर रहे हैं, जिसकी न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। दुनिया के तमाम ताकतवर देशों के राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री मोदी को अपना मित्र बताते हुए उनके साथ काम करने की बात कहते हैं। पीएम मोदी की वजह से दुनियाभर में न सिर्फ गुजरात बल्कि पूरे भारत की प्रतिष्ठा एक अलग ही स्तर पर है। इसके साथ ही मोदी की ईमानदार छवि भी बीजेपी की मजबूती का एक बड़ा कारण है।
वजह नंबर 3 - बीजेपी के 'चाणक्य' अमित शाह की राजनीतिक पकड़
बीजेपी के 'चाणक्य' कहे जाने वाले गृह मंत्री अमित शाह का भी गुजरात से होना भाजपा के लिए एक और प्लस प्वाइंट रहा। होमटाउन होने के साथ ही गुजरात की पॉलिटिक्स पर अमित शाह की काफी मजबूत पकड़ है। वो यहां के राजनीतिक मुद्दों और समीकरण के साथ ही वोटर्स की नब्ज को भी अच्छी तरह समझते हैं। दुश्मन को राजनीति के चक्रव्यूह में किस तरह फंसाना है, इसमें अमित शाह माहिर हैं। यही वजह है कि गुजरात में बीजेपी की जमीन काफी मजबूत थी।
वजह नंबर 4 - जमीनी स्तर पर संगठन का बेहद मजबूत होना
जमीनी स्तर पर देखा जाए तो गुजरात में बीजेपी का संगठन काफी मजबूत स्थिति में था। पिछले कई सालों में पार्टी ने गांव-शहरों से लेकर बूथ लेवल तक एक ऐसा मजबूत संगठन तैयार किया, जो चुनाव से पहले ही पूरी तरह एक्टिव हो जाता है। इससे पार्टी के पक्ष में लहर बनाने में भी मदद मिली।
वजह नंबर 5 - गुजरात में नए और युवा चेहरों को मौका देना
बीजेपी ने इस बार बुजुर्ग उम्मीदवारों को किनारे कर कई सीटों से नए और युवा चेहरों को उतारा। इसके साथ ही उन्होंने ऐसी रणनीति बनाई ताकि वोटर्स नाराज न हों। इसके अलावा गुजरात की जनता मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की छवि, उनके कामकाज और व्यवहार से खुश और संतुष्ट थी। गुजरात की जनता चाहती थी कि बीजेपी सत्ता में आए और भूपेंद्र पटेल ही सीएम बनें।
वजह नंबर 6 - केंद्र व राज्य सरकार द्वारा गुजरात में किए गए विकास कार्य
पीएम मोदी गुजरात से ही आते हैं, ऐसे में उन्होंने गुजरात को विकास की दिशा में काफी आगे बढ़ाया है। अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट दुनिया के 4-5 रिवर फ्रंट में से एक है। इसे बेहद खूबसूरत तरीके से बनाया गया है। कई अंतरराष्ट्रीय स्तर के नेता भी यहां आ चुके हैं। इसके अलावा नर्मदा का पानी सौराष्ट्र के गांवों में पहुंचा है। साथ ही गुजरात स्टार्टअप के हब के रूप में भी तरक्की कर रहा है। बड़ौदा में एयरबस का हवाई जहाज बन रहा है। इसके अलावा अहमदाबाद से मुंबई के लिए वंदेभारत ट्रेन की शुरुआत भी शामिल है।
वजह नंबर 7 - गुजरात के बड़े समुदाय के शीर्ष नेताओं को साध लेना
भाजपा पिछली बार पाटीदार आंदोलन और आरक्षण की वजह से 100 सीट भी नहीं ला पाई थी। लेकिन इस बार उसने अपनी उस कमी को सुधारा और पाटीदार समुदाय के बड़े नेता हार्दिक पटेल को साध लिया। इसके साथ ही बीजेपी ने पटेल और ठाकोर समुदाय के बड़े नेताओं को भी अपने पक्ष में किया, जिसका फायदा उन्हें मिला।
वजह नंबर 8 - बीजेपी के टॉप लीडर्स और स्टार प्रचारकों की मौजूदगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार गुजरात चुनाव प्रचार के लिए 31 रैलियां और तीन रोड शो किए। मोदी ने अहमदाबाद और आसपास की 16 सीटों के लिए 50 KM लंबा रोड शो किया, जिसमें 4 घंटे में 10 लाख से ज्यादा लोग जुटे। साथ ही अमित शाह, जेपी नड्डा, योगी आदित्यनाथ, हिमंता बिस्वा शर्मा, पुष्कर सिंह धामी, स्मृति ईरानी, हेमा मालिनी जैसे स्टार प्रचारकों ने भी गुजरात में चुनाव प्रचार की कमान संभाली, जिसका सीधा फायदा बीजेपी को हुआ।
वजह नंबर 9 - BJP का सभी वर्गों को एकजुट करना
एग्जिट पोल के मुताबिक गुजरात में बीजेपी को सबसे ज्यादा सवर्ण वोटर्स का साथ मिला है। करीब 59% सवर्ण वोटर्स ने बीजेपी को वोट दिया है। इसके बाद 57% ओबीसी, 49% कोली, 47% ठाकोर वोटर्स ने भी बीजेपी का साथ दिया। बीजेपी को 28 फीसदी एससी वोटर्स के अलावा करीब 33% एसटी वोटर्स ने भी पसंद किया है।
वजह नंबर 10 - चुनौती खड़ी करने वाले पाटीदार समुदाय को साधना
2017 के चुनाव में चुनौती खड़ी करने वाले पाटीदार समुदाय को बीजेपी ने इस बार पहले ही साध लिया था। बता दें कि पिछले चुनाव में पाटीदार आरक्षण आंदोलन जैसे मुद्दे की वजह से बीजेपी 100 सीटों का आंकड़ा भी नहीं छू पाई थी। हालांकि, इस बार बीजेपी ने अपनी इस गलती को सुधारते हुए पाटीदार समाज से आने वाले भूपेंद्र पटेल को पहले ही गुजरात का मुख्यमंत्री बना दिया था। इससे पाटीदार समाज का वोट बीजेपी से नहीं छिटका।
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