बच्ची से छेड़छाड़ करने वाले शिक्षक को जमानत से हाईकोर्ट का इनकार, समझौता सामने आते ही नाराज जज ने कही बड़ी बात

निहार बराड़ गिर सोमनाथ जिला में प्राइमरी स्कूल में शिक्षक है। बीते जुलाई में उसके खिलाफ पुलिस ने छेड़खानी का केस दर्ज किया था। आरोप है कि शिक्षक ने अपनी 12 साल की स्टूडेंट के साथ छेड़खानी करते हुए उसके साथ रेप की कोशिश की थी।

Dheerendra Gopal | Published : Dec 8, 2022 11:53 AM IST

Gurur Brahma, Gurur Vishnu: गुजरात हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए छेड़खानी के आरोपी शिक्षक को जमानत देने से इनकार कर दिया है। शिक्षक पर अपनी 12 साल की स्टूडेंट को मॉलेस्ट करने का आरोप लगा था। पुलिस ने पॉक्सो के तहत केस दर्ज किया था। हालांकि, हाईकोर्ट में रेगुलर बेल की अपील करने वाले शिक्षक की जमानत पर पीड़िता पक्ष ने भी आपत्ति न होने की बात कही थी। लेकिन कोर्ट ने पीड़िता के अभिभावकों व आरोपी के बीच हुए समझौते पर नाराजगी जताने के साथ जमानत से इनकार कर दिया। कोर्ट ने इस घटना को गुरु-शिष्य परंपरा को शर्मसार करने वाली घटना बताया और इससे समाज में प्रतिकूल प्रभाव की बात कही है।

गिर सोमनाथ जिला में प्राइमरी का शिक्षक है आरोपी

निहार बराड़ गिर सोमनाथ जिला में प्राइमरी स्कूल में शिक्षक है। बीते जुलाई में उसके खिलाफ पुलिस ने छेड़खानी का केस दर्ज किया था। आरोप है कि शिक्षक ने अपनी 12 साल की स्टूडेंट के साथ छेड़खानी करते हुए उसके साथ रेप की कोशिश की थी। पुलिस ने इस मामले में पॉक्सो के तहत केस दर्ज किया था। इस मामले में शिक्षक ने हाईकोर्ट में रेगुलर बेल की अपील की थी। सुनवाई के दौरान स्टेट काउंसलर ने बेल पर आपत्ति जताई जबकि पीड़िता के अधिवक्ता ने रेगुलर बेल दिए जाने पर कोई आपत्ति नहीं होने की बात कही।

कोर्ट ने जताई नाराजगी

पीड़िता के पक्ष और आरोपी पक्ष के बीच हुए समझौते की बात जानकर सुनवाई कर रहे जस्टिस समीर दवे ने नाराजगी जताई। जस्टिस दवे ने संस्कृत का एक श्लोक गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः को सुनाते हुए शिक्षक का जमानत नहीं देने का फरमान सुनाया। कोर्ट से बाहर समझौते पर आश्चर्य जताते हुए कोर्ट ने कहा कि इस केस में आरोपी एक सामान्य इंसान नहीं है बल्कि शिक्षक है। शिक्षण कार्य ही ऐसा पेशा है जो अन्य प्रोफेशन्स पर प्रभाव डालता है। यह युवाओं व अन्य करियर अचीवर्स को प्रभावित करता है। शिक्षक एक मार्गदर्शक और रक्षक होता है। जस्टिस समीर दवे ने कहा कि आरोपी शिक्षक को किसी तरह की छूट या उसके प्रति सहानुभूति, उस बच्ची के साथ अन्याय होगा। यह सहानुभूति बच्चों के भविष्य पर गहरा असर करेगा। हम उस बच्ची के प्रति न्याय करना चाहते हैं। हम जानते हैं कि बच्चियों के इस तरह के मामले में हमेशा से परिवार का कोई सदस्य या करीबी मित्र ही आरोपी होता है। ऐसे बच्चों को प्रोटेक्शन की आवश्यकता है।

यह भी पढ़ें:

लड़कियों को ही रात में बाहर निकलने से क्यों रोका जाए, जानिए केरल हाईकोर्ट ने क्यों पूछा सरकार से यह सवाल

Delhi MCD में बहुमत हासिल करने के बाद भी AAP को सताने लगा डर, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर लगाया आरोप

MCD Election Result 2022: दिल्ली नगर निगम में AAP को बहुमत, जानिए 250 सीटों के विजेताओं के नाम

तालिबान ने हत्यारोपी को सरेआम दी मौत की सजा, शरिया लॉ का पालन कराने के लिए एक दर्जन से अधिक मंत्री रहे मौजूद

Share this article
click me!