गुजरात चुनाव में आसान नहीं आप नेता इसुदान की राह, जानिए गढ़वी की खांभलिया सीट किसका है गढ़ 

Gujarat Assembly Election 2022: आम आदमी पार्टी ने देवभूमि द्वारका जिले की खांभलिया विधानसभा सीट पर इसुदान गढ़वी को मैदान में उतारा है। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि गढ़वी के लिए यह सीट जीतना आसान नहीं होगा। 

Ashutosh Pathak | Published : Nov 29, 2022 6:28 AM IST

गांधीनगर। Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव में इस बार देवभूमि द्वारका जिले की खांभलिया विधानसभा सीट चर्चा में है। वजह, यहां से आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार इसुदान गढ़वी मैदान में हैं। इस सीट पर उनका मुकाबला भाजपा मुलुभाई बेरा और कांग्रेस उम्मीदवार विक्रम मदाम से है। विक्रम मदान यहां से मौजूदा विधायक भी है। पार्टी ने उन्हें ही रिपीट किया है। 

विक्रम मदाम पुराने राजनेता हैं और वे लोकसभा सांसद भी रहे हैं, जबकि मुलुभाई बेरा राज्य सरकार में मंत्री रह चुके हैं। बेरा अहीर समुदाय से आते हैं। इस सीट पर बेरा समुदाय के वोटर्स का वर्चस्व है। यहां दूसरे नंबर पर अल्पसंख्यक समुदाय के वोटर्स हैं। वहीं, आप नेता इसुदान गढ़वी जो पूर्व में टीवी पत्रकार थे और करीब डेढ़ साल पहले ही आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे, इस बार चुनाव में आप की ओर से सीएम उम्मीदवार बनाए गए हैं। 

गढ़वी के लिए आसान नहीं जीत, खुद को बताया किसान का बेटा 
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो इसुदान गढ़वी के लिए इस विधानसभा सीट पर सामाजिक समीकरण को देखते हुए लड़ाई आसान नहीं है। विश्लेषकों की मानें तो यहां जाति जीत-हार को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। आप नेता गढ़वी समुदाय से आते हैं और इस समाज के लोगों की संख्या यहां बेहद कम है। मुस्लिमों की संख्या है, मगर इनमें ज्यादातर कांग्रेस को पसंद करते हैं। हालांकि, इसुदान गढ़वी ने खुद को यहां एक किसान बेटे के तौर पर पेश किया है। माना जा रहा है कि जातिगत छोड़ दें तो यह उनकी सामुदायिक पहचान को बढ़ा सकता है, जो वोटर्स को रिझाने में मदद कर सकता है। 

जातिगत समीकरण में यह सीट भाजपा के लिए फायदेमंद 
यही नहीं, आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहले ही दावा कर चुके हैं कि इस सीट से इसुदान गढ़वी रिकॉर्ड मतों के अंतर से जीतेंगे। भाजपा और कांग्रेस दोनों के कार्यकर्ता दावा कर रहे हैं कि यह मुकाबला उन दोनों के बीच ही है। आम आदमी पार्टी इस सीट पर तीसरे नंबर पर रहेगी। वहीं, आप के कार्यकर्ताओं का कहना है कि आम आदमी पार्टी के आने के बाद से यहां भाजपा और कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। बता दें कि यह सीट भाजपा के पास 2007 और 2012 में थी। 2014 के उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार को कांग्रेस प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 2017 में भी इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा। खांभलिया देवभूमि द्वारका जिले में पड़ता है। यह सौराष्ट्र का हिस्सा है। इस क्षेत्र में पहले चरण में यानी 1 दिसंबर को मतदान होना है। दूसरे चरण की वोटिंग 5 दिसंबर को होगी और वोटों की गिनती 8 दिसंबर को होनी है। 

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