'2002 में सबक सिखाने के बाद गुजरात में अपराधियों ने असामाजिक गतिविधियां बंद कर दी, अब यहां स्थायी शांति है'

Gujarat Assembly Election 2022: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात चुनाव में खेड़ा जिले के महुधा शहर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में पहले असामाजिक तत्वों की वजह से हिंसा का माहौल था। 

गांधीनगर। Gujarat Assembly Election 2022:  गुजरात विधानसभा चुनाव में पहले चरण की वोटिंग 1 दिसंबर को है। इससे पहले तमाम राजनीतिक दलों के नेता रैली और रोड शो कर रहे हैं। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को एक रैली में कहा कि गुजरात में पहले असामाजिक तत्वों की वजह से हिंसा का माहौल था। ये असामाजिक तत्व हमेशा इस कार्य में सक्रिय रहते थे, क्योकि कांग्रेस उनका समर्थन करती थी। 

बता दें कि पहले चरण की वोटिंग प्रक्रिया के लिए गजट नोटिफिकेशन 5 नवंबर को और दूसरे चरण की वोटिंग प्रक्रिया के लिए 10 नवंबर को जारी हुआ था। स्क्रूटनी पहले चरण के लिए 15 नवंबर को हुई, जबकि दूसरे चरण के लिए 18 नवंबर की तारीख तय थी। नाम वापसी की अंतिम तारीख पहले चरण के लिए 17 नवंबर और दूसरे चरण के लिए 21 नवंबर को हुई। गुजरात विधानसभा चुनाव में दोनों चरणों के लिए नामांकन का दौर समाप्त हो चुका है। राज्य में पहले चरण की वोटिंग 1 दिसंबर को होगी, जबकि दूसरे चरण की वोटिंग 5 दिसंबर को होगी। वहीं, मतगणना दोनों चरणों की 8 दिसंबर को होगी। पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया 14 नवंबर अंतिम तारीख थी। दूसरे चरण के लिए नामाकंन प्रक्रिया की अंतिम तारीख 17 नवंबर थी। 

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फरवरी 2002 में ट्रेन में आग लगा दी गई थी 
अमित शाह की यह रैली खेड़ा जिले के महुधा शहर में आयोजित थी। यहां उन्होंने कहा, 2002 में ऐसे अपराधियों और असामाजिक तत्वों को सबक सिखाया गया, जिसके बाद उन्होंने इस तरह की हिंसा पूरी तरह बंद कर दी। इसके बाद से राज्य में स्थायी शांति है। बता दें कि 2002 में फरवरी महीने में गोधरा रेलवे स्टेशन पर यात्रियों से भरी ट्रेन की कुछ बोगी में असामाजिक तत्वों ने आग लगा दिया था। इसके बाद से राज्य में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई। 

दंगों के जरिए कांग्रेस ने वोट बैंक मजबूत किया 
अमित शाह ने कहा कि गुजरात में कांग्रेस के शासन के दौरान बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक दंगे हुए। कांग्रेस अलग-अलग लोगों को भड़काती थी। समुदायों और जातियों को एक दूसरे के खिलाफ लड़ाती थी। इन दंगों के जरिए ही कांग्रेस ने अपने वोट बैंक को मजबूत किया और समाज के एक बड़े वर्ग के साथ अन्याय किया। 

कांग्रेस से समर्थन के बाद अपराधी हिंसा में शामिल रहने लगे थे 
अमित शाह ने दावा किया कि गुजरात में 2002 में दंगे हुए, क्योंकि अपराधियों को कांग्रेस से लंबे समय तक समर्थन मिलने के कारण हिंसा में शामिल रहने की आदत हो गई थी। मगर 2002 में उन्हें सबक सिखाने के बाद इन असामाजिक तत्वों ने हिंसा का रास्ता छोड़ दिया और बीते 20 साल में हिंसा या किसी भी तरह के दंगे में शामिल होने से बचते रहे हैं। शाह ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया और कहा कि कांग्रेस अपने वोट बैंक की वजह से इसके खिलाफ थी। 

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