गुजरात की 33 ऐसी विधानसभा जिस पर कई साल से भाजपा का कब्जा, कांग्रेस के पास 15 ऐसी सीट

Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात में ऐसी कई विधानसभा सीट है, जिन पर भाजपा, कांग्रस और बीटीपी का कब्जा बना हुआ है। भाजपा की इनमें सबसे ज्यादा 33 सीट है, जबकि कांग्रेस के पास ऐसी 15 सीटें हैं। 

अहमदाबाद। Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग की ओर से तारीखों का ऐलान किए जाने के बाद राजनीतिक दलों में सक्रियता बढ़ गई है। रैलियों और बैठकों का दौर शुरू हो गया है। एक दूसरे पर जमकर निशाना साधा जा रहा है और तंज कसे जा रहे हैं। इस बीच, ऐसी कई विधानसभा सीट हैं, जिन पर भाजपा का पिछले कई साल से कब्जा है। वहीं, कांग्रेस और बीटीपी यानी भारतीय ट्राइबल पार्टी के पास भी कुछ सीट ऐसी हैं, जहां उन्हीं का परचम लहरा रहा है। 

राज्य की कुल 182 विधानसभा सीट में से करीब 48 सीट ऐस हैं, जो बीते 24 साल से एक ही पार्टी के पास हैं। इनमें 33 सीट भाजपा की हैं, जबकि 15 सीट कांग्रेस के पास हैं। राज्य में चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक माहौल में गर्माहट हैं। भाजपा-कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता बैठक और रैलियों में मशगूल हैं। पार्टी के प्रत्याशियों, जीत-हार और जातिगत समीकरणों पर बैठकों का दौर जारी हैं। राज्य में कितनी ही विधानसभा ऐसी हैं, जहां पिछले कई साल से कोई बदलाव नहीं आया है। वहां एक पार्टी का एक ही प्रत्याशी लगातार जीत रहा है। 

Latest Videos

छोटू वसावा की सीट को कोई नहीं ले पाया 

राज्य में 2002 से 182 में से 55 विधानसभा सम्बंधित राजनीतिक पार्टियां के पास ही हैं। भाजपा 24 वर्ष से 33 विधानसभा सीट पर अपनी जीत जारी रखे हुए है। वहीं, 15 विधानसभा ऐसी भी हैं, जिस पर 15 साल से कांग्रेस का प्रभुत्व है। ये विधानसभा सीट भाजपा के चक्रवात में भी नहीं डिग सकी हैं। वहीं बी.टी.पी. के छोटू वसावा 1995 से अपनी सीट पर कब्जा जमाए हुए हैं। भाजपा ने अहमदाबाद, बड़ौदा, राजकोट और सूरत की अपनी विधानसभा सीट जीतने का रिकॉर्ड सुरक्षित रखा हैं। ग्रेस ग्रामीण और आदिवासी बहुल क्षेत्रों की अपनी विधानसभा सीट में जीत हासिल करती रही है। 

जसदण सीट पर कांग्रेस का 1998 से कब्जा 

यदि सौराष्ट्र के जसदण विधानसभा सीट पर नजर डालें तो स्पष्ट होगा कि इस सीट से 1998 से लगातार पांच बार जीतने में कांग्रेस सफल हुई हैं। हालांकि, 2017 में कांग्रेस के कुंवरजी वावलिया पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। बाद में हुए उपचुनाव में वे इस सीट से जीत गये थे। वहीं, सूरत की चौर्यासी विधानसभा गत पांच बार से भाजपा के पास है। इससे स्पष्ट है कि राजनीतिक हवाएं भले ही किसी भी पार्टी के समर्थन बहती रही हों, लेकिन कुछ सीट ऐसी हैं, जो मतदाताओं को नहीं लुभा सकीं। 

यह भी पढ़ें- 

काम नहीं आई जादूगरी! गहलोत के बाद कांग्रेस ने पायलट को दी गुजरात में बड़ी जिम्मेदारी, जानिए 4 दिन क्या करेंगे

पंजाब की तर्ज पर गुजरात में भी प्रयोग! जनता बताएगी कौन हो 'आप' का मुख्यमंत्री पद का चेहरा

बहुत हुआ.. इस बार चुनाव आयोग Corona पर भी पड़ेगा भारी, जानिए क्या लिया गजब फैसला

Share this article
click me!

Latest Videos

चुनाव नियमों में बदलाव को कांग्रेस की Supreme Court में चुनौती, क्या है पूरा मामला । National News
'अब पानी की नो टेंशन' Delhi Election 2025 को लेकर Kejriwal ने किया तीसरा बड़ा ऐलान
जौनपुर में कब्रिस्तान के बीचो-बीच शिवलिंग, 150 या 20 साल क्या है पूरी कहानी? । Jaunpur Shivling
'सोना सस्ता लहसुन अभी भी महंगा' सब्जी का भाव जान राहुल हैरान । Rahul Gandhi Kalkaji Sabzi Market
LIVE🔴: अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में 'अटल युवा महाकुम्भ' का उद्घाटन