पार्षद, मेयर, राज्यसभा सदस्य, मंत्री और मुख्यमंत्री.. जानिए कैसा रहा विजय रुपानी का सफर 

Gujarat Assembly Election 2022: आजादी के पहले म्यामांर से भारत आकर गुजरात के राजकोट में बसे विजय रुपानी का परिवार शुरुआत में ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के करीब आ गया था। बाद में रुपानी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी जुड़े। 

गांधीनगर। Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव के बीच भाजपा ने गुरुवार को उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी थी। 182 विधानसभा सीटों वाले गुजरात में भाजपा ने पहली सूची में 160 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था। इस सूची के जारी होने से पहले ही राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपानी और उनकी सरकार में रहे तत्कालीन डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने चुनाव लड़ने से खुद मना कर दिया। माना जा रहा है कि यह उनके राजनीतिक जीवन का अंत करने वाला फैसला है। 

राज्य की राजनीति में करीब तीन दशक तक एक्टिव रहने के बाद दोनों नेताओं ने यह कह कर चुनाव लड़ने से मना कर दिया कि वे अगली पीढ़ी के लिए रास्ता बनाना चाहते हैं। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा को यह अंदेशा हो गया था कि राज्य में सत्ता विरोधी लहर है, वह इन जैसे कुछ नेताओं की वजह से है और इसीलिए पार्टी ने इन्हें टिकट देने से मना कर दिया। सातवीं बार सत्ता में आने की कोशिश में जुटी भाजपा इस बार एंटी इंकम्बेंसी का असर नए चेहरे और महिला उम्मीदवार लाकर कम करना चाहती है।

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'मैंने खुद भी टिकट नहीं मांगा था'
विजय रुपानी ने सूची जारी होने से एक दिन पहले यानी बुधवार, 9 नवंबर को यह कह सनसनी मचा दी कि मैंने इस बार चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। भाजपा ने मुझे पांच साल के लिए गुजरात का मुख्यमंत्री बनने का मौका दिया। अब उन्होंने मुझे पंजाब का प्रभारी बनाया है। मैँने टिकट की मांग भी नहीं की थी। 66 साल के रुपानी अभी राजकोट पश्चिम विधानसभा सीट से विधायक हैं। वे अगस्त 2016 से सितंबर 2021 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। 

पार्षद से लेकर सीएम तक का सफर 
सितंबर 2021 में उनके पूरे मंत्रिमंडल ने इस्तीफा दे दिया और उनकी जगह भूपेंद्र पटेल को नेतृत्व देकर मंत्रिमंडल में नए चेहरे शामिल किए गए। जैन परिवार से ताल्लुक रखने वाले रुपानी के पूर्वज म्यांमार से भारत आए थे। बाद में यह परिवार गुजरात के राजकोट में बस गया। रुपानी अपने युवाकाल में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी आरएसएस से जुड़े थे। बाद में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य भी रहे। 1987 में रुपानी राजकोट नगर निगम में पार्षद चुने गए। इसके बाद 1996 से 97 तक वे राजकोट नगर निगम में शहर के मेयर बने। इसके बाद उन्हें भाजप की गुजरात इकाई का महासचिव बनाया गया और 2006 में राज्यसभा सदस्य बने। इसके बाद वे तेजी से राज्य की राजनीति में सक्रिय हुए और पहले मंत्री तथा बाद में मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे। अगस्त 2016 में आनंदीबेन पटेल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद केंद्रीय नेतृत्व ने रुपानी को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया था। 

8 दिसंबर को दूसरे चरण की वोटिंग   
इस बार गुजरात विधानसभा चुनाव में पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया 14 नवंबर अंतिम तारीख होगी, जबकि दूसरे चरण के लिए नामाकंन प्रक्रिया की अंतिम तारीख 17 नवंबर होगी। राज्य में पहले चरण की वोटिंग 1 दिसंबर को होगी, जबकि दूसरे चरण की वोटिंग 5 दिसंबर (Gujrat Vidhansabha Chunav kitni tarikih ko hai) को होगी। वहीं, मतगणना दोनों चरणों की 8 दिसंबर को होगी और संभवत: उसी दिन देर रात तक अंतिम परिणाम जारी हो जाएंगे। पहले चरण की वोटिंग प्रक्रिया के लिए गजट नोटिफिकेशन 5 नवंबर को और दूसरे चरण की वोटिंग प्रक्रिया के लिए 10 नवंबर को जारी होगा। स्क्रूटनी पहले चरण के लिए 15 नवंबर को होगी, जबकि दूसरे चरण के लिए 18 नवंबर की तारीख तय है। नाम वापसी की अंतिम तारीख पहले चरण के लिए 17 नवंबर और दूसरे चरण के लिए 21 नवंबर निर्धारित की गई है।  

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