Himachal Pradesh Assembly Election 2022: एडीआर की रिपोर्ट में हिमाचल प्रदेश के 23 प्रतिशत प्रत्याशियों को क्रिमिनल बैकग्राउंड का बताया गया है। इनमें 5 ने महिलाओं को छेड़ा है, जबकि 2 पर हत्या का और 3 पर हत्या के प्रयास का केस दर्ज है।
शिमला। Himachal Pradesh Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार जो प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं, उनमें कुछ तो बेहद गंभीर धाराओं में नामजद हैं। 68 विधानसभा सीट पर कुल 23 ऐसे प्रत्याशी हैं, जिनका गंभीर आपाराधिक रिकॉर्ड है। इसमें 5 नेताजी तो ऐसे हैं, जिन्होंने महिलाओं से छेड़छाड़ भी कर डाली है। वहीं, दो प्रत्याशी पर हत्या का केस दर्ज है और 3 पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज है।
यह खुलासा एडीआर यानी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म की रिपोर्ट में हुआ है। हालांकि, इस विधानसभा चुनाव में महिलाओं पर अत्याचार, छेड़छाड़ और उन्हें अपमानित करने वाले जो प्रत्याशी हैं, वे न तो आप से जुड़े हैं और न ही भाजपा से। कांग्रेस का एक प्रत्याशी से संबंध है और इनका नाम है सुदर्शन सिंह बब्लू। बब्लू को कांग्रेस ने चिंतापूर्णी विधानसभा सीट से टिकट दिया है। वहीं, चंबा से भारतीय वीर दल के प्रत्याशी उत्तम सिंह, हमीरपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी नरेश कुमार दर्जी, कुल्लू से निर्दलीय प्रत्याशी लोट राम ठाकुर और घुमारवी से निर्दलीय प्रत्याशी मनोहर लाल पर मामले कोर्ट में लंबित हैं।
कांग्रेस प्रत्याशी पर हत्या का केस भी दर्ज है
हालांकि, उत्तम सिंह पर ऐसा नहीं है कि सिर्फ महिला पर अत्याचार से जुड़ा केस ही चल रहा है। उन पर 5 गंभीर और 12 अन्य धाराएं लगी हैं। ऐसा ही मामला हमीरपुर से निर्दलीय प्रत्याशी नरेश कुमार का है। इन पर 6 गंभीर और 8 अन्य धाराएं लगी हैं। हिमाचल में दून विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी राम कुमार पर हत्या का केस दर्ज है। वहीं, जोगेंद्र नगर से निर्दलीय प्रत्याशी कुलभूषण ठाकुर पर भी हत्या का केस दर्ज है।
412 उम्मीदवार मैदान में
इसके अलावा, आनी विधासभा सीट से सीपीआई-एम उम्मीदवार देवकीनंद पर हत्या का प्रयास समेत 9 केस दर्ज है। नालागढ़ से राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी के प्रत्याशी जगदीश चंद पर भी हत्या के प्रयास का केस दर्ज है और जोगेंद्रनगर से निर्दलीय प्रत्याशी कुलभूषण ठाकुर पर हत्या के अलावा, हत्या के प्रयास का भी एक मामला दर्ज है। एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, इस बार 68 विधानसभा सीट पर 412 उम्मीदवार मैदान में हैं।
पिछली बार से चार प्रतिशत अधिक केस
रिपोर्ट के मुताबिक, 412 कैंडिडेट में 94 यानी 23 प्रतिशत प्रत्याशी पर आईपीसी की अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज हैं। 50 कैंडिडेट तो ऐसे हैं, जिन पर गंभीर मामले दर्ज हैं। पिछली विधानसभा चुनाव यानी 2017 में 338 ऐसे प्रत्याशी थे, जिनके खिलाफ गंभीर मामलों में केस दर्ज थे यानी इस बार यह आंकड़ा पिछली बार से करीब चार प्रतिशत अधिक है। बता दें कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में नामांकन और नाम वापसी का दौर पूरा हो चुका है। यहां 68 विधानसभा सीटों के लिए कुल 786 उम्मीदवार ने पर्चा भरा था। मगर 412 प्रत्याशियों का पर्चा स्वीकृत हुआ, जबकि 84 के पर्चे रिजेक्ट हो गए। वहीं 113 ने उम्मीदवारों ने नाम वापस ले लिया था। इस बार एक चरण में वोटिंग होगी। चुनाव प्रचार अभियान 10 नवंबर को शाम पांच बजे खत्म हो जाएगा। इसके बाद मतदान 12 नवंबर को है, जबकि मतगणना 8 दिसंबर को होगी। इसमें भाजपा और कांग्रेस के साथ-साथ इस बार आम आदमी पार्टी ने भी सभी 68 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं।
इस राज्य में हर 5 साल में सरकार बदलने का ट्रेंड, क्या 'बागी' बनेंगे किंगमेकर?
भाजपा चाहेगी कुर्सी बची रहे.. जानिए कितनी, कब और कहां रैली के जरिए मोदी करेंगे जयराम ठाकुर की मदद