HP Assembly Election 2022: हिमाचल की फतेहपुर विधानसभा सीट, क्यों कांग्रेस-बीजेपी के बीच लड़ाई का कुरूक्षेत्र

Published : Aug 23, 2022, 01:26 PM ISTUpdated : Oct 19, 2022, 03:11 PM IST
HP Assembly Election 2022: हिमाचल की फतेहपुर विधानसभा सीट, क्यों कांग्रेस-बीजेपी के बीच लड़ाई का कुरूक्षेत्र

सार

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव (HP Assembly election) में कांगड़ा जिले की फतेहपुर विधानसभा सीट कांग्रेस और बीजेपी के लिए कुरूक्षेत्र की तरह है। यहां हार-जीत का अंतर 5 से 6 हजार का है लेकिन मुख्य मुकाबला इन दोनों पार्टियों के ही बीच है। 

Fatehpur Assembly seat. हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की फतेहपुर विधानसभा सीट पर इस बार कांग्रेस और बीजेपी के अलावा कुछ स्थानीय उम्मीदवार भी मुकाबला दिलचस्प बनाएंगे। पार्टियों के कैंपेन चल रहे हैं और प्रत्याशियों के चेहरे भी लगभग फाइनल प्रिंट की दिखने लगे हैं। कांगड़ा जिले की फतेहपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है लेकिन बीजेपी हर हाल में यह सीट जीतना चाहेगी। वहीं इस बार के चुनाव में अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप भी चुनाव लड़ रही है और पार्टी की हिमाचल प्रदेश इकाई लगातार कैंपेन कर रही है। 

क्या है फतेहपुर का वोटिंग ट्रेंड
2017 विधानसभा चुनाव के नतीजे बताते हैं कि पिछले चुनाव में यहां से कांग्रेस के भवानी सिंह पठानिया ने भारतीय जनता पार्टी के कृपाल सिंह परमार को हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया था। हालांकि कांगड़ा विधानसभा से बीजेपी के किशन कपूर सांसद हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को 4 लाख से ज्यादा मतों से हराया था। ऐसे में बीजेपी के लिए यह सीट कितने मायने रखती है, समझा जा सकता है। कांग्रेस प्रत्याशी को कुल 32.45 प्रतिशत वोट मिले जो गिनती में तब्दील होकर 18962 हुए। वहीं बीजेपी प्रत्याशी को 30.25 प्रतिशत वोट मिले जो कुल 17 हजार 678 हुए। निर्दलीय प्रत्याशी को भी 13 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। सुजान सिंह पठानिया 2012 में भी इसी सीट से विधायक बने थे। 

कांग्रेस पार्टी का किला रहा है फतेहपुर 
कांग्रेस के दिवंगत नेता सुजान सिंह पठानिया ने न सिर्फ इस सीट से हैट्रिक लगाई थी बल्कि वे 7 बार यहां से विधायक रहे। सुजान सिंह पठानिया की ही देन थी कि हिमाचल में सत्ता परिवर्तन के दौर में भी यह सीट कांग्रेस जीतती रही। 2007 के परिसीमन से पहले यह सीट ज्वाली के नाम से जाना जाता था। यहां सुजान सिंह पठानिया की विरासत को बचा पाना कांग्रेस पार्टी के लिए चुनौती है। वहीं बीजेपी यहां के कद्दावर नेताओं को साधकर चुनाव जीतने की कोशिश करेगी। वहीं बीजेपी के खिलाफ हल्लाबोल के आम आदमी पार्टी पहले से ही कमर कस चुकी है। 

उपचुनाव में भी कांग्रेस की जीत 
सुजान सिंह पठानिया के निधन के बाद 2021 में फतेहपुर विधानसभा का उपचुनाव हुआ जिसमें भवानी पठानिया को जीत मिली। उन्होंने बीजेपी के बलदेव ठाकुर को 5 हजार से ज्याद मतों से हरा दिया। चुनाव में कुल पांच उम्मीदवार मैदान में थे जिनमें से डॉ. राजन सुशांत ने बीजेपी को ज्यादा नुकसान पहुंचाया। डॉ. राजन को 12 हजार से ज्यादा वोट मिले जिससे बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। फतेहपुर विधानसभा सीट के दोनों प्रत्याशियों ने एक-दूसरे के घर में सेंधमारी की। भवानी पठानिया को बीजेपी प्रत्याशी के खुद के बूथ से 26 वोट मिले, वहीं बीजेपी के बलदेव ठाकुर को भवानी पठानिया के बूथ पर 13 वोट मिले।

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