
शिमला। Himachal Pradesh Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा अपनी तैयारियों को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है। तमाम नेता मैदान में डटे हैं। हालांकि, कुछ खुलकर बगावत भी कर रहे हैं और कुछ नेता तैयारियों में तो हैं, मगर अंदर से संभवत: नाराज भी। राज्य के दो बार मुख्यमंत्री रहे प्रेम कुमार धूमल इनमें से एक माने जा रहे हैं। वैसे, इस बात को वे खुलकर जाहिर नहीं कर रहे, मगर एक चिठ्ठी और कुछ फैसलों से उनका रूख स्पष्ट हो रहा है।
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिठ्ठी लिखी थी, जिसकी काफी चर्चा हो रही है। हालांकि, चिठ्ठी लिखने की बात धूमल भी मान रहे हैं, मगर इसमें उन्होंने लिखा क्या था और क्यों लिखा, यह बात न तो सामने आई और न खुद धूमल इस पर कुछ बोलना चाहते हैं। वैसे, धूमल के बेटे और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बयान से अलग कुछ-कुछ अपनी राय भी बीच में रख दे रहे। मामला खासकर सीएम फेस के मुद्दे पर है।
चिठ्ठी में क्या लिखा ये नहीं बताना चाहते
दरअसल, 78 साल के प्रेम कुमार धूमल बीते पांच साल तो अपने क्षेत्र में सक्रिय रहे, मगर एक साल से वे काफी एक्टिव थे। माना जा रहा था कि वे इस चुनाव में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे, मगर दिल्ली में एक मीटिंग में उन्होंने यह कहकर सबको चौंका दिया कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे और न ही उनके परिवार को कोई सदस्य इस चुनाव में प्रत्याशी होगा। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया है कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिठ्ठी लिखी थी, मगर उसमें क्या था और यह क्यों लिखी गई थी, इस बारे वे बात भी नहीं करना चाहते।
सीएम फेस पर मतभेद और मनभेद भी
हालांकि, पार्टी सूत्रों की मानें तो धूमल सीएम फेस को लेकर नाराज हैं। वे खुद को नहीं तो कम से कम अपने बेटे अनुराग ठाकुर को सीएम की कुर्सी पर देखना चाहते हैं। हाल ही में अनुराग ने भी कहा था कि सीएम फेस पर फैसला अभी हुआ नहीं है। वैसे, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा यह स्पष्ट कर चुके हैं कि सीएम फेस इस बार भी जयराम ठाकुर ही होंगे। यही नहीं, हिमाचल प्रदेश की भाजपा इकाई के अध्यक्ष सुरेश कश्यप भी इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि सीएम फेस नड्डा के कहे मुताबिक जयराम ठाकुर ही होंगे और इस पर सभी सहमत हैं। मगर धूमल की कथित नाराजगी और अनुराग के बयान के बाद ऐसा दिख नहीं रहा।
धूमल ने बताया कि एक्टिव क्यों थे
धूमल का कहना है कि 5 साल तक वे अपने विधानसभा क्षेत्र सुजानपुर में सक्रिय जरूर थे। मगर यह सक्रियता अपने विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं की वजह से बनी हुई थी। धूमल इसकी वजह भी बताते हैं। उनका कहना है कि 2017 के चुनाव के बाद मैं नहीं चाहता था कि अगली बार कोई और मैदान में उतरे तो यह कहे कि मैं जीत के बाद ही निष्क्रिय हो गया और अपने लोगों का हालचाल नहीं लिया। चुनाव नहीं लड़ने का फैसला करीब एक साल या इससे पहले ही ले लिया गया था।
अब तक 13 प्रत्याशियों ने पर्चे वापस लिए
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में नामांकन का दौर पूरा हो चुका है और नाम वापसी की अंतिम तारीख 29 अक्टूबर है। यहां 68 विधानसभा सीटों के लिए कुल 786 उम्मीदवार ने पर्चा भरा था। मगर 692 का ही पर्चा स्वीकृत हुआ, जबकि 81 के पर्चे रिजेक्ट हो गए। वहीं, अब तक 13 ने नाम वापस ले लिया है। इस बार एक चरण में वोटिंग होगी। मतदान 10 नवंबर को है, जबकि मतगणना 8 दिसंबर को होगी। इसमें भाजपा और कांग्रेस के साथ-साथ इस बार आम आदमी पार्टी ने भी सभी 68 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं।
चिठ्ठी को लेकर मोदी से भी बात हुई
धूमल ने बताया कि चुनाव नहीं लड़ने का फैसला हो या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिठ्ठी लिखने की बात, इन सबको लेकर मैंने अपने परिवार में चर्चा कर ली थी। बेटे अनुराग ठाकुर को भी इसकी जानकारी थी। मैंने जो चिठ्ठी पीएम को लिखी, उस पर खुद मोदी जी से भी बाद में बात हुई। हालांकि, हम दोनों के बीच क्या बात हुई, या उसमें किन मुद्दों पर बात की गई, इसे मैं पब्लिक नहीं कर सकता। ये पूरी तरह पर्सनल हैं।
इस राज्य में हर 5 साल में सरकार बदलने का ट्रेंड, क्या 'बागी' बनेंगे किंगमेकर?
भाजपा चाहेगी कुर्सी बची रहे.. जानिए कितनी, कब और कहां रैली के जरिए मोदी करेंगे जयराम ठाकुर की मदद