हिमाचल प्रदेश में 1967 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में एक भी महिला उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सकी थी। हालांकि, 1972 के चुनाव में महिला विधायकों का खाता खुला। इस बार चार विधायक सीधे विधानसभा पहुंची थीं।
Himachal Pradesh Assembly woman MLAs: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के सभी 68 सीटों का रिजल्ट आ चुका है। रिजल्ट को देखे तो हिमाचल की खूबसूरत वादियों ने भी महिला सशक्तिकरण को दरकिनार करते हुए महिला जनप्रतिनिधियों को सदन भेजने से परहेज किया है। वैसे ही राजनीतिक दलों ने महिला प्रत्याशी उतारने में कोताही बरती और जो मैदान में उतरीं उनको भी जनता ने भरोसा नहीं जताया। इस बार हिमाचल विधानसभा में महज एक महिला विधायक जीतकर विधानसभा पहुंची हैं। 1967 से आज तक हुए चुनावों की बात करें तो अभी तक हुए 15 विधानसभा चुनावों में महज 43 महिलाएं विधायक चुनीं गई हैं।
इस बार चुनाव मैदान में थीं 24 महिला उम्मीदवार
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार 24 महिलाएं मैदान में थीं। बीजेपी ने महिलाओं को प्रत्याशी बनाया था तो आम आदमी पार्टी ने पांच महिला उम्मीदवार उतारे थे। वहीं, कांग्रेस ने तीन महिलाओं को टिकट दिया था। लेकिन इन 24 महिला प्रत्याशियों में महज एक को सफलता मिली। पच्छाद सुरक्षित सीट से बीजेपी की महिला प्रत्याशी रीना कश्यप चुनाव जीतने में सफल रहीं। रीना कश्यप 2021 में हुए उपचुनाव में चुनाव जीती थीं, एक साल बाद फिर से चुनाव जीत गई हैं।
2017 में चार महिला विधायक चुनीं गईं, इस बार सभी हारीं
2017 के विधानसभा चुनावों में चार महिला प्रत्याशियों को जनता ने चुनाव जिताया था। लेकिन इन चारों विधायकों को इस बार हार का सामना करना पड़ा है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री सरवीन चौधरी चुनाव इस बार नहीं जीत सकी हैं। कांगड़ा के शाहपुर से सरवीन चौधरी चार बार से विधायक थीं लेकिन इस बार हार गईं। इसी तरह कांग्रेस की लहर के बावजूद डलहौजी से छह बार की विधायक आशा कुमारी चुनाव हार गई हैं। इंदौरा से भाजपा विधायक रीता धीमान और मंडी से कांग्रेस के दिग्गज नेता कौल सिंह की बेटी चंपा ठाकुर भी चुनाव इस बार हार गई हैं।
पहली बार 1972 में महिला एमएलए चुनी गई
हिमाचल प्रदेश में 1967 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में एक भी महिला उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सकी थी। हालांकि, 1972 के चुनाव में महिला विधायकों का खाता खुला। इस बार चार विधायक सीधे विधानसभा पहुंची थीं। हिमाचल प्रदेश में चुनाव जीतने वाली पहली महिला विधायक चंद्रेश कुमारी, सरला शर्मा, लता ठाकुर और पद्मा रहीं। हालांकि, पति के निधन के बाद विद्या स्टोक्स भी 1972 में ही उपचुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंची गई। लेकिन 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर एकमात्र महिला विधायक श्यामा शर्मा चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची। लेकिन 1982 में महिला विधायकों के जीतने की संख्या तीन हो गई। 1982 में श्यामा शर्मा, चंद्रेश और विद्या स्टोक्स ने चुनाव जीता था।
1985 में भी महिलाओं की रही भागीदारी
1985 में हुए मध्यावधि चुनाव में हिमाचल विधानसभा में विद्या स्टोक्स, आशा कुमारी और विप्लव ठाकुर चुनाव जीतकर पहुंची। तो 1990 में चार महिलाओं को जनता ने विधानसभा जाने का मौका दिया। 1990 में लीला शर्मा, श्यामा शर्मा, सुषमा शर्मा और विद्या स्टोक्स को चुनाव जिताया। 1993 में आशा कुमारी, विप्लव ठाकुर और कृष्णा मोहिनी ने चुनाव मैदान में अपने पुरुष प्रतिद्वंद्वियों को पटखनी दी। वहीं अनीता वर्मा, 1994 के उपचुनाव में जीत हासिल की थीं।
1998 में सबसे अधिक छह महिलाएं जीतीं
1998 के विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक छह महिलाओं को जनता ने चुनाव जिताया। चुनाव जीतने वालों में सरवीन चौधरी, उर्मिल ठाकुर, विप्लव ठाकुर, विद्या स्टोक्स और आशा कुमारी शामिल रहीं। जबकि निर्मला उपचुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची। इसी तरह 2003 में चार महिला विधायक विद्या स्टोक्स, अनीता वर्मा, चंद्रेश और आशा कुमारी चुनी गईं।
2007 में पांच महिलाएं चुनीं गई विधायक
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए 2007 में हुए चुनाव में पांच महिलाओं पर जनता ने भरोसा जताया। जनता ने विद्या स्टोक्स, उर्मिल ठाकुर, सरवीन चौधरी, रेणु चड्डा और विनोद कुमारी को चुनाव जिताया। लेकिन अगले विधानसभा चुनाव में यह संख्या घट गई। 2012 के विधानसभा चुनाव में केवल विद्या स्टोक्स, आशा कुमारी और सरवीन चौधरी ही चुनाव जीत सकीं। वहीं 2017 के चुनावों में आशा कुमारी, सरवीन चौधरी, रीता धीमान और कमलेश कुमारी ने आम चुनाव जीता। जबकि रीना कश्यप 2021 में उपचुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची। इस बार 2022 में अकेली रीना कश्यप ही विधानसभा पहुंच सकी हैं।
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