हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के 40 विधायक जीते हैं। जबकि तीन निर्दलीय विधायक भी साथ आ रहे हैं। 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिली है। शुक्रवार को कांग्रेस के पर्यवेक्षकों व प्रभारी के सामने विधायक दल की मीटिंग हुई।
Himachal Pradesh Chief Minister: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान तेज हो चुकी है। राज्य में कांग्रेस के कई नेताओं की नजर इस कुर्सी पर है। हालांकि, आखिरी फैसला शीर्ष नेतृत्व ने कर दी है। उधर, कल तक रेस में सबसे आगे चल रहीं प्रतिभा सिंह सीएम की रेस में पिछड़ती दिख रही हैं। क्योंकि नवनिर्वाचित विधायकों में अधिकतर का झुकाव सुखविंदर सिंह सुक्खू की ओर दिख रहा है। माना जा रहा है कि 25 से अधिक विधायकों का समर्थन सुक्खू को प्राप्त है। और कुछ देर में उनके नाम का ऐलान भी हो जाएगा।
प्रतिभा सिंह का नाम क्यों पिछड़ा?
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के 40 विधायक जीते हैं। जबकि तीन निर्दलीय विधायक भी साथ आ रहे हैं। 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिली है। शुक्रवार को कांग्रेस के पर्यवेक्षकों व प्रभारी के सामने विधायक दल की मीटिंग हुई। इस मीटिंग में कांग्रेस विधायकों ने अपनी पसंद जाहिर की है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों में 25 से अधिक विधायकों का समर्थन सुखविंदर सिंह सुक्खू के पक्ष में रहा। प्रतिभा सिंह के समर्थन में कम विधायक थे। उधर, राज्य के कद्दावर नेता रहे वीरभद्र सिंह के परिवार के करीबी रहे मुकेश अग्निहोत्री भी सीएम की रेस में शामिल हो चुके हैं।
दिल्ली करेगा फैसला
बंद कमरे में हुई इस मीटिंग में विधायकों की राय को शीर्ष नेतृत्व के सामने रखा गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे व गांधी परिवार इन नामों पर अंतिम मुहर लगा दी है। हालांकि, हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक सक्रिय प्रियंका गांधी रहीं हैं इसलिए कहा जा रहा है कि प्रियंका ही मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर सकती हैं।
कौन हैं सुखविंदर सिंह सुक्खू?
हिमाचल के मुख्यमंत्री पद की रेस में सबसे आगे चल रहे सुखविंदर सिंह सुक्खू को कम से कम 25 विधायकों का समर्थन प्राप्त होना बताया जा रहा है। सुक्खू, हमीरपुर जिले के नादौन से विधायक बने हैं। इस बार उन्होंने जीत की हैट्रिक लगाई है। पेशे से अधिवक्ता सुक्खू की राजनीति कांग्रेस के स्टूडेंट विंग नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) से शुरू हुई थी। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में वह एनएसएयूआई के कार्यकर्ता के तौर पर राजनीतिक एंट्री ली थी। 1980 के दशक में वह एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष रहे। इसके बाद वह यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बनें। यूथ कांग्रेस से वह मुख्य संगठन में विभिन्न पदों पर रहने के बाद प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं।
जानिए कौन हैं मुकेश अग्निहोत्री?
वीरभद्र सिंह परिवार के करीबी माने जाने वाले विधायक मुकेश अग्निहोत्री भी इस बार सीएम की रेस में हैं। पेश से पत्रकार रह चुके मुकेश अग्निहोत्री की राजनीतिक यात्रा करीब दो दशक पुरानी है। राज्य के शाही परिवार वीरभद्र सिंह परिवार के करीबी माने जाने वाले मुकेश अग्निहोत्री अब इस परिवार के साथ न होकर अपनी महत्वाकांक्षाओं को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।
प्रतिभा सिंह राज्य के सबसे कद्दावर नेता की परिवार से
प्रतिभा सिंह, हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पिछले साल निधन के बाद उनको प्रदेश की कमान सौंपी गई थी। वह मंडी लोकसभा सीट से सांसद हैं। निधन के पहले तक वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश के सबसे ताकतवर नेता माने जाते रहे हैं। इस बार विधानसभा चुनाव में भी वीरभद्र सिंह का परिवार पूरी शिद्दत के साथ चुनाव में लगा रहा। प्रतिभा सिंह तो चुनाव मैदान में नहीं थी लेकिन उनके पुत्र विक्रमादित्य सिंह चुनाव लड़ रहे थे। हिमाचल में कांग्रेस की बहुमत के बाद उन्होंने कहा था कि 'मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार होंगे और आलाकमान का फैसला अंतिम होता है, लेकिन वीरभद्र की विरासत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।'
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