पंजाब में चुनाव प्रचार करेंगी अरविंद केजरीवाल की पत्नी और बेटी, भगवंत मान की जनसभा में शामिल होंगी

धुरी में 11 फरवरी को भगवंत मान की जनसभा होने जा रही है। इसमें अरविंद केजरीवाल की पत्नी महिलाओं से संवाद करेंगी और आप को समर्थन देने की अपील करेंगी। इस जनसभा को लेकर आम आदमी पार्टी में उत्साह देखा जा रहा है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 10, 2022 5:03 AM IST / Updated: Feb 10 2022, 10:51 AM IST

चंडीगढ़। पंजाब में विधानसभा चुनाव हैं और यहां रुझानों में आम आदमी पार्टी को बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद जाग उठी है। ऐसे में पार्टी ने इलेक्शन कैंपेन को पूरी ताकत के साथ करने के प्लान को जमीन पर उतारना शुरू कर दिया है। खबर है कि AAP के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल और बेटी हर्षिता केजरीवाल भी पंजाब में चुनाव करने के लिए पहुंच रही हैं। केजरीवाल की पत्नी और बेटी सबसे पहले संगरूर जिले में पहुंचेंगी। यहां धुरी सीट से AAP उम्मीदवार और सीएम फेस भगवंत मान के लिए प्रचार करेंगी। 

धुरी में 11 फरवरी को भगवंत मान की जनसभा होने जा रही है। इसमें अरविंद केजरीवाल की पत्नी महिलाओं से संवाद करेंगी और आप को समर्थन देने की अपील करेंगी। इस जनसभा को लेकर आम आदमी पार्टी में उत्साह देखा जा रहा है। पार्टी का कहना है कि सुनीता केजरीवाल और हर्षिता को अन्य सीटों पर भी संवाद के लिए भेजा जा सकता है।

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केजरीवाल भी लगातार पंजाब के दौरे कर रहे
बता दें कि पंजाब चुनाव में आम आदमी पार्टी दमखम के साथ लड़ रही है। 2017 के चुनाव में आप दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। तब आप ने अपना सीएम फेस घोषित नहीं किया था। इस बार पार्टी ने अपना सीएम फेस घोषित कर दिया है। ओपिनियन पोल में भी आम आदमी पार्टी की अच्छी स्थिति बताई जा रही है। आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल भी लगातार प्रदेश के दौरे कर रहे हैं। वे यहां पंजाब के सीएम और कांग्रेस पर जोरदार हमले कर रहे हैं।

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शिअद ने कहा-केजरीवाल को पंजाब में वोट मांगने का हक नहीं
अरविंद केजरीवाल पर विपक्ष भी हमलावर है। शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल ने कहा कि केजरीवाल कोविड-19 महामारी के दौरान भी पंजाब नहीं आए। उन्होंने कहा- ‘मैं आम आदमी पार्टी से पूछता हूं कि पंजाबियों को उस पर भरोसा क्यों करना चाहिए। इसके संयोजक पांच साल पहले पंजाब आए और उनकी पार्टी ने राज्य में प्रमुख विपक्षी दल के रूप में उभरने के लिए 20 सीटें भी जीतीं। हालांकि, लोगों की आवाज उठाने के बजाय इसके 20 में से 11 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए।’

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