धुरी सीट इलेक्शन रिजल्ट 2022: आप के CM उम्मीदवार भगवंत मान ने कांग्रेस के दलवीर सिंह को 58,206 वोटों से हराया

शिरोमणि अकाली दल ने यहां प्रकाश चंद गर्ग को उतारा है। साल 2017 में कांग्रेस  के दलवीर सिंह गोल्डी ने आप के जसवीर सिंह जस्सी को 2811 वोटों से चुनावों में हराया था। 

Dhuri Election Results 2022: धुरी सीट (Dhuri Seat) से आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार भगवंत मान (Bhagwant mann) ने कांग्रेस के दलवीर सिंह गोल्डी (Dalvir Singh Goldy) को 58,206 वोटों से हराकर शानदार जीत दर्ज की है। भगवंत मान को जहां 82,592 वोट मिले, तो वहीं दलवीर को केवल 24,386 वोट ही मिले। तीसरे स्थान पर रहे शिरोमणी अकाली दल के प्रकाश चंद गर्ग को 6,959 वोट मिले, तो वहीं चौथे स्थान पर रहे बीजेपी के रणदीप सिंह को 5,385 वोटों से ही संतोष करना पड़ा। भगवंत को 64.29 प्रतिशत वोट मिले। 

धुरी सीट से जुड़ी खास बात

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एक सामान्य सी सीट थी। पंजाब की राजनीति में शायद ही इसकी चर्चा होती हो, लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में पंजाब की हॉट सीट में धुरी को भी काफी तवज्जो मिली। इसकी वजह थी, यहां से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे भगवंत मान। जिन्हें आप ने सीएम पद का चेहरा भी पार्टी की ओर से बनाया है। उनका मुकाबला कांग्रेस के मौजूदा विधायक दलवीर सिंह गोल्डी से है।

शिरोमणि अकाली दल ने यहां प्रकाश चंद गर्ग को उतारा है। साल 2017 में कांग्रेस  के दलवीर सिंह गोल्डी ने आप के जसवीर सिंह जस्सी को 2811 वोटों से चुनावों में हराया था। बीजेपी ने रणदीप सिंह को टिकट दिया है। शिरोमणि अकाली दल के टिकट पर प्रकाश चंद्र गर्ग चुनाव लड़ रहे हैं। विधानसभा क्षेत्र में 74 गांव आते हैं।  यहां के लोग खेती से जुड़े हुए हैं।

धुरी विधानसभा सीट संगरूर जिले में आती है। भगवंत मान दो बार संगरूर से चुनाव जीत चुके हैं।

धुरी सीट पर कुल 1,38,461 मतदाता हैं, जिसमें 74 हजार 94 पुरुष और 64 हजार 367 महिला मतदाता हैं।

धुरी का चुनावी इतिहास

1997 में धनवंत सिंह के बाद कोई उम्मीदवार धुरी से दोबारा विधायक नहीं बना। 1992 में धनवंत सिंह ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की। 1997 में पार्टी टिकट न मिलने के बाद धनवंत सिंह आजाद चुनाव लड़े और दोबारा धुरी के विधायक बने। 2002 में शिरोमणि अकाली दल के गगनजीत सिंह बरनाला चुनाव जीते। 2007 में आजाद उम्मीदवार इकबाल सिंह झूंदा से चुनाव हार गए। इसी प्रकार गगनजीत सिंह बरनाला को दोबारा विधायक बनने का मौका नहीं मिला।

-2012 में कांग्रेस के अरविंद खन्ना धूरी से विधायक बने लेकिन उनके त्याग पत्र देने के बाद 2015 में हुए उप चुनाव में शिअद के गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने कांग्रेस के सिमर प्रताप सिंह बरनाला को हराकर जीत हासिल की।

पहली बार चर्चित हुई सीट

यह पहला मौका है, जब इस सीट को लेकर इतनी चर्चा हो रही है। इसकी वजह यहां से भगवंत मान का चुनाव लड़ना। वह संगरूर से दो बार सासंद रह चुके हैं। इस बार उनके आने से पूरे पंजाब की नजर इस सीट पर टिकी है।

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