भदौड़ सीट इलेक्शन रिजल्ट 2022: आप के लाभ सिंह ने बटोरे आधे से भी ज्यादा वोट, सीएम चन्नी को 37,558 वोट से हराया

यहां चरणजीत सिंह चन्नी के सामने आम आदमी पार्टी के लाभ सिंह उगोके हैं। पंजाब लोक कांग्रेस ने यहां से धर्म सिंह फौजी तो शिरोमणि अकाली दल ने यहां से सतना सिंह राही को अपना उम्मीदवार बनाया है।  

Anand Pandey | Published : Mar 9, 2022 8:17 PM IST / Updated: Mar 10 2022, 11:12 PM IST

Bhadaur Election Results 2022: आम आदमी पार्टी के लाभ सिंह (Labh Singh) ने कांग्रेस मुंख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) को 37,558 वोटों से हराकर बड़ा धमाका किया है। लाभ सिंह को कुल 63,967 वोट मिले, तो वहीं चन्नी को 26,409 वोट ही मिले। तीसरे नंबर पर शिरोमणी अकाली दल के सतनाम सिंह राही रहे, जिन्हें 21,183 वोट मिले। वोट प्रतिशत की बात करें तो आम उम्मीदवार को आधे से भी ज्यादा 51.07 प्रतिशत  वोट मिले। 

भदौड़ से जुड़ी खास बातें 

बरनाल जिले की भदौड़ विधानसभा सीट अचानक उस वक्त चर्चा में आ गई, जब यहां से पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी चुनाव लड़ने पहुंचे हैं। इससे पहले इस सीट की चर्चा होती ही नहीं थी। ऐसा कुछ यहां है भी नहीं था, जिसकी चर्चा हो। बरनाल जिले की यह सीट ठेठ ग्रामीण है। कहने को सिर्फ ले देकर एक भदौड़ कस्बा है। बाकी सब ग्रामीण इलाका।

तामझाम से दूर यहां के मतदाता काफी शांतिप्रिय है। धान और गेहूं के साथ साथ यहां गन्ने की खेती भी होती है। किसानों की यहां मुख्य समस्या यह है कि उन्हें फसलों के उचित दाम नहीं मिल रहे हैं।

यहां चरणजीत सिंह चन्नी के सामने आम आदमी पार्टी के लाभ सिंह उगोके हैं। पंजाब लोक कांग्रेस ने यहां से धर्म सिंह फौजी तो शिरोमणि अकाली दल ने यहां से सतना सिंह राही को अपना उम्मीदवार बनाया है।  

इस इलाके में विकास को लेकर भी उतना काम नहीं हुआ, जितना कि होना चाहिए। यहां के लोगों की शिकायत है कि सड़कों की स्थिति काफी अच्छी नहीं है। दूसरी समस्या यह है कि बड़ी संख्या में ऐसे किसान हैं, जिन्होंने नलकूप के लिए बिजली का कनेक्शन अप्लाई किया, लेकिन आज तक कनेक्शन नहीं मिला है। यहां के किसान पारंपरिक खेती करते हैं, इस वजह से ज्यादातर किसानों की आर्थिक स्थिति भी ज्यादा अच्छी नहीं है।

भदौड़ सीट की राजनीतिक

1977,1980 और 1985 में यहां से कुंदर सिंह अकाली दल के टिकट पर जीते। एक बार 1992 में यहां से बहुजन समाज पार्टी के निर्मल सिंह निम्मा चुने गए। 1997 से 2007 तक संत बलबीर सिंह ने अकाली दल का परचंम लहराया। 2012 में कांग्रेस ने यहां से जीत हासिल की। 2017 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर पीरमल सिंह धौला ने जीत हासिल की, बाद में उन्होंने पाला बदल कर कांग्रेस में चले गए थे।

ज्यादातर वोटर खेती बाड़ी करने वाले हैं

यह सीट मालवा रीजन में आती है। मालवा में आप का दबदबा है। इसे तोड़ने के लिए कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को यहां भेजा था। हालांकि कांग्रेस ने एक प्रयोग किया था, देखते हैं क्या नतीजा मिलता है।

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