पंजाब चुनाव : संयुक्त समाज मोर्चा को झटका, मालेरकोटला प्रत्याशी ने प्रचार तो किया लेकिन नामांकन ही नहीं भरा

मोर्चे ने शहर के जाने-माने वकील और पूर्व सीईओ जुल्फिकार अली मलिक को अपना उम्मीदवार बनाया था। उन्होंने जोरदार प्रचार भी किया लेकिन ऐन मौके पर नामांकन नहीं भरा। अब मोर्चे का इस सीट से कोई उम्मीदवार ही नहीं है।

मालेरकोटला : पंजाब (Punjab) के मालेरकोटला (Malerkotla) से संयुक्त समाज मोर्चा (Sanyukat Samaj Morcha) के प्रत्याशी जुल्फिकार अली मलिक ने पार्टी को बड़ा झटका दिया है। मोर्चे ने इस सीट से शहर के जाने-माने वकील और पूर्व सीईओ जुल्फिकार अली मलिक (Zulfikar Ali Malik) को अपना उम्मीदवार बनाया था। उन्होंने जोरदार प्रचार भी किया लेकिन ऐन मौके पर नामांकन नहीं भरा। अब मोर्चे का इस सीट से कोई उम्मीदवार ही नहीं है। 

जुल्फिकार के इस कदम से हर कोई हैरान
संयुक्त समाज मोर्चा के सुप्रीमो बलबीर सिंह राजेवाल (Balbir Singh Rajewal) ने कहा कि यह गलत बात है। कम से कम समय रहते उन्हें इस बात की जानकारी मिल जाती तो वह अपना उम्मीदवार ही बदल लेते। नामांकन के अंतिम दिन तक उन्हें यह जानकारी नहीं दी गई। यह गलत है। इससे उन्हें ठेस लगी है। यदि एडवोकेट किसी वजह से चुनाव नहीं लड़ना चाह रहे थे तो बता देंते। पता नहीं क्यों उन्होंने ऐसा किया है। 

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एडवोकेट जुल्फिकार ने क्या कहा
इधर, एडवोकेट जुल्फिकार अली मलिक ने कहा कि वह इस विधानसभा सीट पर बदलाव चाहते हैं। इस वजह से चुनाव मैदान से पीछे हटे हैं। मैंने अपने दोस्तों से बातचीत की। इसके बाद निर्णय लिया कि चुनाव नहीं लड़ना। क्योंकि बदलाव के लिए एक भी वोट खराब नहीं होना चाहिए। हालांकि उन्होंने कहा कि वह जीतने वाले उम्मीदवार का समर्थन करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रचार के दौरान उन्हें लोगों का समर्थन मिल रहा था। चुनाव न लड़ने की वजह से यदि लोगों की भावनाओं को ठेस लगी है तो वह इसके लिए माफी भी मांगते हैं। उन्होंने कहा कि मेरा शहर मेरे लिए सबसे पहले है, इसलिए मैंने खुद को चुनाव मैदान से हटा लिया है। अब समय ही बताएगा कि उनका यह निर्णय कितना सही है। 

अचानक सुर्खियों में आई यह सीट
पंजाब के पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा की विवादित बयानबाजी से यह सीट अचानक सुर्खियों में आ गई है। यहां से उनकी पत्नी और मंत्री रजिया सुल्ताना कांग्रेस (Congress) के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। मोम्मद मुस्तफा ने पहले हिंदूओं पर विवादित टिप्पणी की थी, इसके बाद उन्होंने सिखों के धार्मिक ग्रंथ पर भी विवादित टिप्पणी कर दी। रजिया सुल्ताना इस सीट से तीन बार विधायक बन चुकी हैं। इस सीट से कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने पंजाब लोक कांग्रेस से पूर्व डीजीपी इजहार आलम की पत्नी फरजाना आलम खान को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर मुख्य मुकाबला भी इन्हीं दोनो के बीच रहने की संभावना है।

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