सीएम योगी का दावा- 'किसान आंदोलन के बीच यूपी में नहीं हुआ कोई दंगा'

एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान सीएम योगी ने कहा कि अखिलेश यादव की रैली चौराहे पर लगने वाला मजमा है। इसके साथ ही उन्होने कहा कि ओवैसी के लिए यूपी बंजर है। उनकी कोई भूमिका यहां नहीं होगी। वह एसपी, बीएसपी, कांग्रेस किसके एजेंट हैं अभी पता नहीं। लेकिन वह भड़काने का प्रयास जरूर कर रहे हैं। मुझे नहीं लगता है कि यूपी में कोई भी ओवैसी के किसी भी बहकावे में आएगा।

Pankaj Kumar | Published : Dec 3, 2021 7:45 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा(UP Vidhansabha Chunav 2022) चुनाव में कुछ दिन ही शेष बचे हैं। जिसके चलते चुनाव प्रचार को भी जोर दिया जा रहा है।  इन सबके बीच एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(CM Yogi Adityanath) प्रदेश के भीतर एक बार फिर पूर्ण बहुमत की सरकार बनने का दावा किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि डबल इंजन(Double engine) की सरकार का क्या लाभ है, इसका एक आदर्श मॉडल यूपी है। उन्होंने कहा कि यही उपलब्धि लेकर हम जनता के बीच जाएंगे। उन्होने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान यूपी के अंदर कोई दंगा नहीं हुआ। पंचायत चुनाव उसी दौरान हुए थे, उपचुनाव भी उसी दौरान हुए थे, सभी सीटें जीतीं। 

डबल इंजन की सरकार का आदर्श मॉडल है यूपी-CM योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि 2022 में प्रचंड बहुमत के साथ बीजेपी की सरकार बनेगी, इसमें कोई संदेह नहीं। सरकार कैसे चलनी है, योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव सभी को कैसे मिले यह यूपी में देखने को मिला है। डबल इंजन की सरकार का लाभ क्या है ... इसका एक आदर्श मॉडल है यूपी। यह उपलब्धि लेकर हम जनता के बीच जाएंगे।  

अखिलेश यादव की रैली को बताया 'चौराहे का मजमा'
 निजी चैनल से बातचीत के दौरान सीएम योगी ने अखिलेश यादव(Akhilesh yadav) की रैली को लेकर कहा कि किसी चौराहे पर मजमा लगता है न तो वहां भी भीड़ जुटती है। बाजार में भीड़ जुटती है। दोनों का कैरेक्टर अलग-अलग है। इसके साथ ही 2017 में भी यूपी(UP) में दो लड़कों की जोड़ी बनी थी जनता ने खारिज कर दिया। इसके बाद भाई-बहन की जोड़ी आई थी, जनता ने खारिज कर दिया। 2019 में महागठबंधन बना था। अखिलेश जी सिर्फ 5 सीटों पर सिमट गए।

कृषि आंदोलन के दौरान यूपी में नहीं हुई कोई घटना 
कृषि कानून(farmers bill)पर बात करते हुए सीएम योगी (CM yogi)ने कहा कि कृषि कानून लागू होने का समर्थन भारतीय किसान यूनियन ने किया था। बाद में पंजाब-हरियाणा से जुड़े हुए किसान तक संयुक्त किसान समिति बनी। उसके बाद ये लोग उस मूवमेंट के साथ जुड़े। आंदोलन के दौरान यूपी के अंदर कोई दंगा नहीं हुआ। पंचायत चुनाव उसी दौरान हुए थे, उपचुनाव भी उसी दौरान हुए थे, सभी सीटें जीतीं। ओवैसी के लिए यूपी बंजर है। उनकी कोई भूमिका यहां नहीं होगी। वह एसपी, बीएसपी, कांग्रेस किसके एजेंट हैं अभी पता नहीं। लेकिन वह भड़काने का प्रयास जरूर कर रहे हैं। मुझे नहीं लगता है कि यूपी में कोई ओवैसी के किसी भी बहकावे में आएगा। हम किसी व्यक्ति जाति, मत और मजहब के आधार पर वोट नहीं मांग रहे हैं। हम विकास के मुद्दे को लेकर जनता का समर्थन मांग रहे हैं। मथुरा पर बात करते हुए उन्होने कहा कि मथुरा में तो भगवान कृष्ण की ही पूजा होती है। मुझे लगता है कि यह सभी राजनीतिक अजेंडे से ऊपर उठकर हैं। पूजा तो आस्था का विषय है, इसमें बनने बिगाड़ने की बात ही कहां से आती है।
 

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