अयोध्या जैसे ही निपटेगा मथुरा का मामला? RSS नेता इंद्रेश कुमार ने कही बड़ी बात

यूपी चुनाव से पहले कृष्ण जन्मभूमि मथुरा को लेकर गर्मागर्मी तेज हो गयी है। इन सबके बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता ने कहा कि संविधान और कानून सम्मत तरीकों के साथ-साथ लोकतांत्रिक ढंग से ही मथुरा के मुद्दे का भी समाधान होना चाहिए। इसके साथ ही इंद्रेश कुमार ने उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के ट्वीट का समर्थन करते हुए कहा कि अयोध्या और काशी की तरह मथुरा का भी विकास होना चाहिए क्योंकि तीर्थस्थलों के विकास से सबको फायदा मिलता है।
 

Asianet News Hindi | Published : Dec 6, 2021 5:39 PM IST

मथुरा: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha chunav 2022) के करीब आते ही कृष्ण जन्मभूमि मथुरा ( mathura) को लेकर विवाद तेज होता जा रहा है। ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rastriya swayam sevak sangh) के वरिष्ठ नेता और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (rastriya muslim manch)  के संस्थापक एवं मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार (indresh kumar)  ने मथुरा से जुड़े मामले को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने मथुरा मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि संविधान और कानून सम्मत तरीकों के साथ-साथ लोकतांत्रिक ढंग से ही मथुरा के मुद्दे का भी समाधान होना चाहिए।

अयोध्या में हुई सच की जीत, केशव मौर्य के ट्वीट के किया समर्थन
उन्होंने कहा कि अयोध्या में भी आखिरकार सच की ही जीत हुई और इसलिए किसी को भी उकसाने, भड़काने और लड़वाने की कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। काशी को लेकर उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज भी मंदिर के अंदर मस्जिद को लेकर अब पुनर्विचार करने लगा है। इंद्रेश कुमार ने उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के ट्वीट का समर्थन करते हुए कहा कि अयोध्या और काशी की तरह मथुरा का भी विकास होना चाहिए क्योंकि तीर्थस्थलों के विकास से सबको फायदा मिलता है।

बोले इंद्रेश- फारुख चले जाएं फारुख अब्दुल्ला
कश्मीर को लेकर फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अब फारूक अब्दुल्ला को लंदन चले जाना चाहिए। टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा कि त्रिपुरा की जनता ने ममता को बता दिया है कि बंगाल, बंगाली, त्रिपुरा और देश के लिए फिट नहीं है।  पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को भारत में मिलाने को लेकर उन्होंने कहा कि वहां पर अवैध कब्जा है। सेना और सरकार तय करें कि, उसे कब वापस लेना है हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि सरकार इसे लेकर कोशिश भी कर रही है।

किसान आंदोलन सारे देश का आंदोलन नहीं
किसान आंदोलन पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पहली बात तो यह है कि यह आंदोलन सारे देश का किसान आंदोलन नहीं है और अब जब कृषि कानूनों की वापसी की उनकी मांगे मान ली गई हैं और अन्य मांगों के लिए भी कमेटी बना दी गई है तो क्या इसके बावजूद अभी भी रास्ता रोक कर बैठे रहना संवैधानिक और कानूनी है? अफगानिस्तान में तालिबानी शासन के बाद भारत की बढ़ रही सुरक्षा चिंताओं और वैश्विक आतंकवाद का जिक्र करते हुए संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने बताया कि विश्वग्राम, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच और राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच संयुक्त रूप से 11 दिसंबर को नई दिल्ली में वैश्विक आतंकवाद के विभिन्न पहलुओं और इसके प्रभाव के बारे में चर्चा करने के लिए एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करने जा रहा है। इसमें अनेक देशों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।

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