चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव को लेकर 10 फरवरी से 7 मार्च तक एग्जिट पोल पर बैन लगा दिया है। प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर किसी तरह का एग्जिट पोल नहीं चलाया जाएगा।
नई दिल्ली। चुनाव आयोग (Election commission) ने उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव (UP Election) को लेकर 10 फरवरी से 7 मार्च तक एग्जिट पोल (EXIT POLL) पर बैन लगा दिया है। प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर किसी तरह का एग्जिट पोल नहीं चलाया जाएगा।
आयोग ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के धारा 126 की उप-धारा (1) के तहत शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए विधानसभा चुनाव के दौरान किसी तरह के एग्जिट पोल के संचालन या प्रकाशन या एग्जिट पोल के परिणाम को प्रचारित करने पर प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर रोक होगी।
आदेश का उल्लंघन करने पर हो सकती है जेल
इस संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने कहा कि 10 फरवरी की सुबह से 7 मार्च की शाम 6:30 तक एग्जिट पोल पर बैन रहेगा। प्रिंट मीडिया में एग्जिट पोल का प्रकाशन नहीं होगा। इसी तरह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर भी इसे नहीं दिखाया जा सकेगा। आदेश का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई होगी। इस मामले में दो साल तक जेल की सजा और जुर्माना हो सकता है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126 का में यह स्पष्ट है कि कोई भी व्यक्ति कोई निर्गम मत सर्वेक्षण नहीं करेगा और किसी निर्गम मत सर्वेक्षण के परिणाम का ऐसी अवधि के दौरान जो निर्वाचन आयोग द्वारा इस संबंध में अधिसूचित की जाए, प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रकाशन या प्रचार यह किसी भी प्रकार की अन्य रीति से प्रसार नहीं करेगा।
सपा ने की थी मांग
बता दें कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग से ओपिनियन पोल पर बैन लगाने की मांग की थी। उनका कहना था कि इससे मतदाता प्रभावित होते हैं। अब एक निर्धारित समय के लिए निर्वाचन आयोग ने यूपी चुनाव के एग्जिट पोल पर बैन लगा दिया है।
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