Taliban से RSS की तुलना के बाद Javed Akhtar ने कहा: दुनिया में हिंदू से अधिक सभ्य और सहिष्ण कोई नहीं

तालिबान को दक्षिणपंथी समूहों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के साथ तुलना करने के बाद जावेद अख्तर को सामना की आलोचना झेलनी पड़ी थी। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 15, 2021 5:51 AM IST

मुंबई। जाने माने गीतकार व लेखक जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने हिंदुओं को दुनिया को सबसे सभ्य और सहिष्णु बताया है। कुछ दिनों पूर्व ही जावेद अख्तर ने तालिबान (taliban) की तुलना आरएसएस (RSS) और विश्व हिंदू परिषद (VHP) से की थी। हिंदू समाज को सहिष्णु बताने वाला लेख उन्होंने शिवसेना (Shiv Sena) के मुखपत्र सामना में लिखा है।

जावेद अख्तर ने लिखा है कि भारत कभी अफगानिस्तान जैसा नहीं बन सकता, क्योंकि भारतीय स्वभाव से चरमपंथी नहीं हैं। सामान्य रहना उनके डीएनए में है। दुनिया में हिंदू सबसे ज्यादा सभ्य और सहिष्णु समुदाय हैं। 

सामना का भी आलोचना झेलना पड़ा था जावेद अख्तर को

दरअसल, तालिबान को दक्षिणपंथी समूहों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के साथ तुलना करने के बाद जावेद अख्तर को सामना की आलोचना झेलनी पड़ी थी। 

सामना ने लिखा था, ‘…देश में जब-जब धर्मांध, राष्ट्रद्रोही विकृतियां उफान पर आईं, उन प्रत्येक मौकों पर जावेद अख्तर ने उन धर्मांध लोगों के मुखौटे फाड़े हैं। कट्टरपंथियों की परवाह किए बगैर उन्होंने ‘वंदे मातरम्’ गाया है। फिर भी संघ की तालिबान से की गई तुलना हमें स्वीकार नहीं है। संघ और तालिबान जैसे संगठनों के ध्येय में कोई अंतर नहीं होने की उनकी बात पूरी तरह से गलत है।’

बता दें कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के एक बयान के संदर्भ में जावेद अख्तर ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) का नाम लिए बिना कहा कि सीएम उद्धव ठाकरे के सबसे बुरे आलोचक भी उन पर किसी भी भेदभाव या अन्याय का आरोप नहीं लगा सकते। 

क्या कहा था फडणवीश ने?

फडणवीश ने कहा था कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की यात्रा के बाद दिवंगत शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के अस्थायी स्मारक की शुद्धिकरण शिवसेना की तालिबानी मानसिकता को दर्शाता है।

क्या कहा था जावेद अख्तर ने?

जावेद अख्तर ने 3 सितंबर को एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि जैसे तालिबान एक इस्लामिक स्टेट चाहता है, वैसे ही जो हिंदू राष्ट्र चाहते हैं, वे एक ही मानसिकता के हैं। चाहे मुसलमान हों, ईसाई हों, यहूदी हों या फिर हिंदू। उन्होंने कहा था कि बेशक, तालिबान बर्बर है और उनकी हरकतें निंदनीय हैं, लेकिन आरएसएस, विहिप और बजरंग दल का समर्थन करने वाले भी वही हैं।

लेकिन समानता वाले बयान पर कायम हैं जावेद अख्तर

हालांकि, जावेद अख्तर तालिबान और दक्षिणपंथी मानसिकता के बीच समानता पर अपने बयान पर कायम हैं। जावेद अख्तर ने कहा कि तालिबान मानसिकता और दक्षिणपंथी विचारधारा के बीच बहुत समानताएं हैं। तालिबान एक इस्लामिक सरकार बना रहे हैं। हिंदू दक्षिणपंथी हिंदू राष्ट्र चाहते हैं। तालिबान महिलाओं के अधिकारों पर अंकुश लगाना चाहता है। हिंदू दक्षिणपंथी ने भी स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें महिलाओं और लड़कियों की स्वतंत्रता पसंद नहीं है। उत्तर प्रदेश से लेकर कर्नाटक और गुजरात तक, एक रेस्तरां या बगीचे या किसी सार्वजनिक स्थान पर एक साथ बैठने के लिए युवक-युवतियों को बेरहमी से पीटा गया है।

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