'आदिपुरुष' में ऐसे उड़ाया रामायण का मजाक, ये 10 सीन देखकर आप भी पीट लेंगे माथा

ओम राउत के निर्देशन में बनी ‘आदिपुरुष’ में कई खामियां हैं, जिनके चलते यह भगवान राम की कथा कम, काल्पनिक कहानी ज्यादा लगती है। फिल्म में कई तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है, जिनकी वजह से विवाद भी हो सकता है।

एंटरटेनमेंट डेस्क. प्रभास और कृति सेनन स्टारर 'आदिपुरुष' सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। मेकर्स का दावा है कि यह फिल्म मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की कहानी है। लेकिन इस फिल्म में कई ऐसे सीन हैं, जिन्हें देखकर आप माथा कूट लेंगे। जानिए ऐसे ही 10 सीन्स के बारे में...

 

Latest Videos

  1. 'आदिपुरुष' में ब्रह्मा का रावण को वरदान

फिल्म के पहले ही सीन में जब रावण ब्रह्मा से अमरत्व मांगता है तो वे उसे यह वरदान देने से मना कर देते हैं। फिल्म के मुताबिक, ब्रह्मा रावण को वरदान देते हैं, "ना दिन में ना रात में , ना जल में ना वायु में, न धरती पर, ना आसमान में,, ना किसी देव, ना किसी दानव के हाथों से तुम्हे मृत्यु नहीं मिलेगी।" लेकिन मेकर्स यहां गलती कर बैठे। दरअसल, ना दिन में ना रात में, ना धरती पर ना आकाश में, ना देव से और ना दानव से मृत्यु का वरदान ब्रह्मा ने हिरणकश्यप को दिया था। जबकि पौराणिक कथाओं के अनुसार, रावण को यह वरदान था कि मानव या वानर के अलावा उसे कोई नहीं मार सकता। इसलिए रावण का संहार करने भगवान विष्णु ने धरती पर मानव रूप (राम) में जन्म लिया था।

2 'आदिपुरुष' के रावण की सवारी

अगर आदिपुरुष फिल्म या इसका ट्रेलर आपने देखा है तो आप पाते हैं कि रावण एक भद्दे से चमगादड़ की सवारी करता है। यह बात हजम ना होने वाली है। क्योंकि जिस रावण के पास कुबेर से छीना हुआ पुष्पक विमान है, वह एक भद्दे से चमगादड़ की सवारी क्यों करेगा। फिल्म में भी रावण की लंका में पुष्पक विमान खड़ा हुआ दिखाया गया है।

3. क्या लंका छीन रावण ने लिया था सूर्पणखा के अपमान का बदला

अगर आदिपुरुष की मानें तो रावण ने अपनी बहन सूर्पणखा के अपमान का बदला लेने के लिए अपने सौतेले भाई कुबेर से सोने की लंका छीन ली थी। यह सच है कि रावण ने सोने की लंका कुबेर से छीनी थी, लेकिन इस बात का जिक्र कहीं नहीं मिलता कि उसने ऐसा सूर्पणखा के अपमान का बदला लेने किया था।

4. राम के पास सबरी खुद आईं?

आदिपुरुष के सीन के मुताबिक़, तपस्विनी शबरी खुद राम के पास चलकर पहुंची थीं और उन्हें जूठे बेर खिलाए थे। लेकिन पौराणिक कथाओं और रामायण के मुताबिक़, भगवान राम और लक्ष्मण खुद माता सीता की खोज करते हुए शबरी के आश्रम पहुंचे थे।

5. हनुमान जी का समुद्र लांघना

'आदिपुरुष' के मुताबिक़, हनुमान जी एक झटके में समुद्र लांघकर सीधे अशोक वाटिका में माता सीता के सामने पहुंच जाते हैं। समुद्र में ना उन्हें मैनाक मिलता है, ना सुरसा से उनका सामना होता है और ना ही लंकिनी उन्हें मिलती है। इतना ही नहीं, लंका में भी ना तो हनुमान जी आशोक वाटिका उजाड़ते हैं और ना अक्षय कुमार को मारते हैं। और तो और सीता के बाद पहली मुलाक़ात उनकी इंद्रजीत से ही होती है, जो उन्हें बंदी बनाकर रावण की सभा में नहीं ले जाता, बल्कि शास्त्रागार में ले जाता है और वहीं से उनकी पूंछ में आगे लगाने का फैसला हो जाता है।

6. राम-विभीषण मिलन

'आदिपुरुष' के मुताबिक़, विभीषण सेतु बंधन के बाद लंका के निष्काषित होकर राम के पास पहुंचते हैं। जबकि रामायण की कथा के मुताबिक, विभीषण सेतु बंधन से पहले ही राम के पास पहुंच जाते हैं। वे ही भगवान राम को याद दिलाते हैं कि समुद्र उनके कुलगुरु हैं, इसलिए उन्हें उनसे रास्ता देने के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।

7. 'आदिपुरुष' की मायाबी सीता

'आदिपुरुष' में दिखाया गया है कि युद्ध से पहले रावण और उसका पुत्र इंद्रजीत सीता को राम के सामने बंधन मुक्त कर देते हैं, जो कि असल में राक्षसी माया होती है। बाद में इंद्रजीत इस मायाबी सीता का गला रेत देता है। जबकि पौराणिक कथा कहती है कि रावण राक्षसी माया का इस्तेमाल कर राम का कटा हुआ सिर सीता के सामने पेश करता है, जिसे देख कर वे व्याकुल हो जाती हैं।

8. राम-रावण युद्ध की शुरुआत में ही लक्ष्मण को शक्ति

'आदिपुरुष' के मुताबिक़, राम रावण युद्ध की शुरुआत में ही लक्ष्मण को शक्ति लग जाती है। मेकर्स ने इसे नागपाश का नाम दिया है, जो उनके अल्पज्ञान को दर्शाता है। दरअसल, रामायण की कथा के मुताबिक़, इंद्रजीत ने राम और लक्ष्मण को नागपाश में बांधा था, जिसे गरुण ने आकर काटा था। जबकि इसके बाद एक अन्य घटना में इंद्रजीत ने लक्ष्मण को शक्ति बाण का प्रयोग कर अचेत कर दिया था और उनके प्राण बचाने के लिए लंका के वैद्य सुषेण को लाया गया था, जिन्होंने संजीवनी लाने की सलाह दी थी।

9. लक्ष्मण के प्राण एक महिला ने बचाए?

'आदिपुरुष' की कहानी के मुताबिक़, विभीषण के साथ लंका छोड़कर आई उनकी पत्नी ने शक्ति बाण लगने से मूर्छित लक्ष्मण के प्राण बचाने का उपाय बताया था और हनुमान जी उसी के कहने पर संजीवनी लाए थे। और तो और विभीषण की पत्नी ने ही लक्ष्मण का उपचार भी किया था। जबकि असली कहानी कहती है कि वैद्य सुषेण ने लक्ष्मण के लिए संजीवनी का उपाय बताया था और उन्होंने ही उनका उपचार किया था।

10. आदिपुरुष में इंद्रजीत का वध

आदिपुरुष में इंद्रजीत का वध भी बिल्कुल काल्पनिक रूप से दिखाया है। इसके मुताबिक़, इंद्रजीत का वध लक्ष्मण एक स्वर्ण झील में करते हैं, जहां वह हर युद्ध से पहले शक्ति स्नान के लिए जाता है। जबकि असली कहानी कहती है कि लक्ष्मण ने इंद्रजीत का वध तब किया था, जब वह देवी निकुंभला का हवन करता है, जिसके पूरा होने पर वह अजेय हो सकता था।

और पढ़ें…

Aadipurush Review: कमजोर कहानी और घटिया डायरेक्शन से कार्टून फिल्म बनकर रह गई ‘आदिपुरुष’

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

20वां अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड, कुवैत में 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से सम्मानित हुए पीएम मोदी
43 साल बाद कुवैत पहुंचे भारतीय पीएम, जमकर लगे मोदी-मोदी के नारे
अब एयरपोर्ट पर लें सस्ती चाय और कॉफी का मजा, राघव चड्ढा ने संसद में उठाया था मुद्दा
बांग्लादेश ने भारत पर लगाया सबसे गंभीर आरोप, मोहम्मद यूनुस सरकार ने पार की सभी हदें । Bangladesh
सचिन तेंदुलकर ने बॉलिंग करती लड़की का वीडियो शेयर किया, बताया भविष्य का जहीर खान #shorts