Anurag Kashyap Left Mumbai. फिल्ममेकर अनुराग कश्यप ने बॉलीवुड छोड़ दिया है और वे अब मुंबई से बाहर जा चुके हैं। खुद अनुराग ने एक हालिया बातचीत में यह शॉकिंग खुलासा किया है। साथ ही उन्होंने बॉलीवुड छोड़ने के पीछे की वजह भी बताई है। उनकी मानें तो हिंदी फिल्म इंडस्ट्री बेहद टॉक्सिक हो चुकी है। उनके मुताबिक़, बॉलीवुड के लोग अब सिर्फ पैसे और आंकड़ों के पीछे दौड़ रहे हैं, जिसके चलते यहां काम करना मुश्किल हो गया है।
अनुराग कश्यप ने द हिंदू से बातचीत के दौरान बॉलीवुड और मुंबई छोड़ने की पुष्टि की। उनके मुताबिक़, वे दूसरे शहर में किराए के घर में शिफ्ट हो गए हैं। हालांकि, उन्होंने शहर के नाम का खुलासा नहीं किया। लेकिन अंदाजा लगाया जा रहा है कि उन्होंने अपना नया ठिकाना बेंगलुरु में बना लिया है।
कश्यप ने अफ़सोस जताते हुए कहा, "मैंने मुंबई छोड़ दिया है। मैं फ़िल्मी लोगों से दूर रहना चाहता हूं। इंडस्ट्री (बॉलीवुड) बेहद टॉक्सिक हो गई है। यहां हर कोई गैरज़रूरी मंजिलों के पीछे दौड़ रहा है और अगली 500 करोड़ या 800 करोड़ कमाने वाली फिल्म बनाने की कोशिश कर रहा है। क्रिएटिव माहौल ख़त्म हो चुका है।"
अनुराग कश्यप ने यह दावा भी किया है कि बॉलीवुड और मुंबई छोड़ने वाले वे पहले शख्स नहीं हैं। वे कहते हैं, "सबसे बड़ा पलायन मिडिल ईस्ट, खासकर दुबई की ओर हुआ है। अन्य लोग पुर्तगाल, लंदन, जर्मनी, यूएस भाग गए। मैं मेनस्ट्रीम फिल्ममेकर्स की बात कर रहा हूं।" अनुराग कश्यप ने इसी बातचीत में यह भी कहा कि मुंबई में इंडस्ट्री के लोग एक-दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं।"
अनुराग कश्यप के मुताबिक़, मुंबई छोड़कर जाने से उन्हें शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से सेहतमंद रहने में मदद मिली है। डायरेक्टर ने यह भी कहा कि उन्होंने शराब पीना भी छोड़ दिया है। बता दें कि इससे पहले एक बातचीत के दौरान अनुराग कश्यप ने बॉलीवुड और मुंबई छोड़ने का इशारा किया था। उन्होंने दिसंबर 2024 में एक बातचीत के दौरान कहा था, "मैं साउथ जा रहा हूं। मैं वहां जाना चाहता हूं, जहां एक्साइटमेंट हो, वर्ना मैं बूढ़ा होकर मर जाऊंगा। मैं अपनी फिल्म इंडस्ट्री से बेहद निराश और हताश हूं। मुझे इनकी मानसिकता से घृणा होती है।"
अनुराग कश्यप 26 साल से बॉलीवुड में काम कर रहे थे। उन्होंने 1997 में फिल्म '...जयते' से बतौर स्क्रीन राइटर बॉलीवुड में एंट्री ली। डायरेक्टर के तौर पर उनकी पहली फिल्म 'पांच' 2003 में बनकर तैयार हो गई थी, जो आज तक रिलीज नहीं हो पाई। बाद में उन्होंने 'ब्लैक फ्राइडे', 'नो स्मोकिंग', 'रिटर्न ऑफ़ हनुमान', 'देव डी', 'गुलाल', 'गैंग्स ऑफ़ वासेपुर' (पार्ट 1 और 2) और 'रमन राघव 2.0' जैसी फ़िल्में हिंदी सिनेमा के दर्शकों को दी। बतौर डायरेक्टर उनकी पिछली फिल्म 'कनेडी' 2023 में रिलीज हुई थी।