53 की उम्र में की थी इस एक्ट्रेस ने सगाई, फिर भी कभी नहीं हो सकी शादी, जानिए क्या थी असली वजह

एंटरटेनमेंट डेस्क.गुजरे जमाने की दिग्गज अदाकारा नंदा (Nanda) की आज 75वीं डेथ एनिवर्सरी है। 25 मार्च 2014 को 75 साल की उम्र में वे दुनिया को अलविदा कह गई। नंदा बॉलीवुड की उन एक्ट्रेसेस में थीं, जिन्होंने कभी शादी नहीं की।आइए आपको बताते हैं इसकी वजह...

Gagan Gurjar | Published : Mar 25, 2023 9:07 AM IST / Updated: Mar 25 2023, 02:40 PM IST

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दरअसल, महाराष्ट्र से ताल्लुक रखने वाले एक लेफ्टिनेंट कर्नल को नंदा से प्यार हो गया था। अपनी मां के जरिए उन्होंने शादी का प्रपोजल भी भेजा था,लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।

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बाद में नंदा के भाई उनके लिए कई अन्य प्रपोजल भी लाए। लेकिन उन्होंने एक को भी मंजूरी नहीं दी। 1992 में जिस वक्त नंदा 53 साल की थीं, तब उन्होंने 55 साल के फिल्म प्रोड्यूसर मनमोहन देसाई से सगाई कर ली थी। जबकि मनमोहन देसाई की एक शादी पहले ही हो चुकी थी और 1979 में उनकी पत्नी जीवनप्रभा का निधन हो गया था।

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खैर, बताया जाता है कि नंदा ने मनमोहन देसाई से सगाई अपनी खास दोस्त वहीदा रहमान की सलाह के बाद की थी। हालांकि, सगाई के करीब दो साल बाद 1 मार्च 1994 को अपने घर के टैरेस से गिरकर देसाई का निधन हो गया। बताया जाता है कि देसाई उस वक्त किराए के फ़्लैट में रहते थे और उस रोज़ वे जिस रेलिंग से टिककर खड़े हुए थे, वह टूट गई थी।

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मनमोहन देसाई के निधन के बाद नंदा ने कभी शादी ना करने का फैसला लिया। वे अकेली ही जीवन गुजारती रहीं। 25 मार्च 2014 को उस वक्त वे 75 साल की थीं, जब मुंबई के वर्सोवा इलाके में स्थित अपने घर में हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया था।

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नंदा ने 1948 में फिल्म 'मंदिर' से बॉलीवुड डेब्यू किया था। उस वक्त वे 9 साल की थीं और फिल्म में बतौर बाल कलाकार नजर आई थीं। उन्हें बेबी नंदा के रूप में पहचान मिली थी। चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर उन्होंने 'जग्गू' और 'अंगारे' जैसी फिल्मों में भी काम किया था।

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नंदा का पहला लीड रोल 1959 में रिलीज हुई फिल्म 'छोटी बहन' में देखने को मिला था। यह फिल्म बहुत बड़ी हिट साबित हुई थी। बाद में वे 'हम दोनों', 'तीन देवियां' और 'क़ानून' जैसी फिल्मों में दिखाई दीं। शशि कपूर के साथ उनकी जोड़ी बड़ी हिट रही थी।

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60 के दशक में उन्होंने शशि कपूर के साथ पांच सुपरहिट फ़िल्में (मोहब्बत इसको कहते हैं, जब-जब फूल खिले, नींद हमारी ख्वाब तुम्हारे, राजा साब और रूठा ना करो) दी थीं। 

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हालांकि, उनके साथ तीन फ़िल्में (चार दिवारी, मेहंदी लगी मेरे हाथ और जुआरी) क्रिटिक्स की सराहना के बावजूद बॉक्स ऑफिस पर ढेर हो गई थीं।

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