दिव्या दत्ता ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान खुलासा किया कि उन्होंने अपने शुरुआती करियर में खूब रिजेक्शन का सामना किया है।
एंटरटेनमेंट डेस्क. बॉलीवुड एक्ट्रेस दिव्या दत्ता का फिल्म इंडस्ट्री में सफर बहुत आसान नहीं रहा है। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने अपने स्ट्रगल के दिनों को याद किया और बताया कि उन दिनों उन्हें खूब रिजेक्शन झेलने पड़े थे। इसके साथ ही उन्हें कई फिल्मों से भी निकाल दिया गया था। दिव्या का कहना है कि उन्हें लगता है कि शोबिज में कोई मानवता नहीं है।
दिव्या ने की रिजेक्शन के बारे में बात
रिजेक्शन का सामना करने के बारे में बात करते हुए दिव्या ने कहा, 'इंडस्ट्री में धीरे-धीरे मुझे पता चला है कि आपको रिजेक्शन का सामना करना पड़ता है, आपको फिल्मों से भी बाहर निकाल दिया जाता है। हम अक्सर नेपोटिज्म के बारे में बात करते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि आउटसाइडर्स में भी फेवरेटिज्म होता है। ऐसा सिर्फ फिल्मों में ही नहीं, बल्कि हर जगह होता है, क्योंकि यहां दांव बहुत ऊंचे हैं इसलिए कई बार चीजें अनुचित लगती हैं। आज भी मुझे लगता है कि मैं कुछ चीजों की हकदार थी और यह किसी और को क्यों मिली?'
दिव्या ने किया खूब रिजेक्शन का सामना
दिव्या ने आगे कहा, 'लाइफ आपको रिजेक्शन से निपटना सिखाती है। जब मैंने कोई फिल्म साइन नहीं की थी, तो मैं हर प्रोड्यूसर के ऑफिस में काम मांगने जाती थी। वो ऐसा समय था जब मल्टी-स्टारर फिल्में बनती थीं, इसलिए मौका तो मिलता ही था, लेकिन मुझे इस बात का एहसास नहीं था कि मैं एक टिपिकल बेहद ग्लैमरस हीरोइन के उस फ्रेम में फिट नहीं हो पाऊंगी। मैं एक प्यारी लड़की और एक अच्छी एक्ट्रेस थी, लेकिन यह केवल मैं ही जानती थी। एक दिन मुझे लगा कि मैंने 22 फिल्में साइन की हैं, उनमें से कुछ ने मुझे टोकन भी दिया। कोई नहीं कह रहा था। बाद में मुझे पता चला कि जिन 22 फिल्मों के बारे में मैंने अपनी मां को बताया था कि मैं शुरू कर रही हूं, उनमें से केवल 2 ही फ्लोर पर गईं और मैं उनमें हीरोइन नहीं थी।'
दिव्या दत्ता को किया गया खूब ऑब्जेक्टिफाइड
दिव्या दत्ता ने अपने करियर के शुरुआती सालों में 'ऑब्जेक्टिफाइड' होने के बारे में बात करते हुए कहा, 'मुझे कई फिल्मों से हटा दिया गया था, वास्तव में, उनमें से एक के लिए मैं सेट पर पहुंच गयी थी और मुझे यह कहते हुए वापस भेज दिया गया था कि मेरा वजन बहुत कम हो गया है। इस चीज से मैं बहुत परेशान हो गई थी। इस चीज से मैं बहुत ऑब्जेक्टिफाइड महसूस कर रही थी। इसके बाद मुझे ऐहसास हुआ कि इस बिजनेस में मानवता नहीं होती है। मुझे याद है कि मैंने अपनी मां से कहा था कि अगर मैंने शाहरुख खान के साथ वो फिल्म की होती तो मैं सुपरस्टार होती और यह सुनकर उन्होंने मुझसे कहा था कि वो लोग खुद तुम्हार साथ काम करने के लिए जीवन में आएंगे और वैसा ही हुआ।'
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