नहीं रहे दिग्गज फिल्ममेकर श्याम बेनेगल, 9 दिन पहले ही मनाया था 90वां जन्मदिन

दिग्गज फिल्मकार श्याम बेनेगल का 90 साल की उम्र में निधन, किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे, 9 दिन पहले ही मनाया था जन्मदिन।

एंटरटेनमेंट डेस्क. दिग्गज फिल्ममेकर श्याम बेनेगल नहीं रहे। वे 90 साल के थे और कई दिनों से बीमार चल रहे थे। सोमवार (23 दिसंबर) को शाम करीब 6:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। बेनेगल की बेटी पिया बेनेगल ने इंडिया टुडे से बातचीत के दौरान अपने पिता के निधन की खबर की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि श्याम बेनेगल किडनी संबंधी दिक्कत से जूझ रहे थे। निधन से 9 दिन पहले ही बेनेगल ने अपना 90वां जन्मदिन सेलिब्रेट किया था।उनके जन्मदिन के जश्न में उनके फैमिली मेम्बर्स के साथ-साथ कुलभूषण खरबंदा, नसीरुद्दीन शाह, दिव्या दत्ता, शबाना आज़मी, रजित कपूर, अतुल तिवारी, शशि कपूर के बेटे कुणाल कपूर दिग्गज हस्तियां भी शामिल हुई थीं।

18 नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित थे श्याम बेनेगल

श्याम बेनेगल को समानांतर सिनेमा के अग्रदूत के रूप में जाना जाता था। 1970 के दशक के बाद से उन्हें देश के सबसे महानतम फिल्ममेकर्स भी गिना जाता था। फिल्मों के लिए उन्होंने 18 नेशनल अवॉर्ड जीते थे। 2005 में उन्हें भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े सम्मान दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। सिनेमा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें 1976 में पद्मश्री और फिर 1991 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

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1934 में हैदराबाद में पैदा हुए थे श्याम बेनेगल

श्याम बेनेगल का जन्म 14 दिसंबर 1934 को हैदराबाद में हुआ था। वे कोंकणी बोलने वाले चित्रपुर सारस्वत परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनका असली नाम श्याम सुंदर बेनेगल था। बताया जाता है कि उस वक्त श्याम बेनेगल सिर्फ 12 साल के थे, जब उन्होंने फोटोग्राफर पिता श्रीधर बी. बेनेगल के कैमरे में पहली फिल्म शूट की थी। हैदराबाद की ओसमानिया यूनिवर्सिटी से इकॉनोमिक्स में एम.ए. करने वाले बेनेगल ने आगे जाकर हैदराबाद फिल्म सोसाइटी की स्थापना की।

1959 में ऐड एजेंसी से शुरू हुआ श्याम बेनेगल का करियर

श्याम बेनेगल ने 1959 में बतौर कॉपीराइटर मुंबई बेस्ड ऐड एजेंसी लिंटास एडवरटाइजिंग से अपने करियर की शुरुआत की थी। 1962 में उन्होंने पहली बार डॉक्युमेंट्री फिल्म 'घर बेठा गंगा' बनाई, जो गुजराती में थी। 1966 से 1973 के बीच बेनेगल ने पुणे के फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया से पढ़ाया और 1980-83 और 1989-92 तक दो बार इसके अध्यक्ष भी रहे। श्याम बेनेगल की पहली फीचर फिल्म 'अंकुर' 1974 में रिलीज हुई थी, जिसे सेकंड बेस्ट फीचर फिल्म का नेशनल अवॉर्ड मिला था। उनकी पॉपुलर फिल्मों में 'निशांत', 'मंथन', 'भूमिका', 'कलयुग', 'त्रिकाल', 'सरदारी बेगम', 'जुबेदा', 'वेलकम टू सज्जनपुर' और 'मुजीब : द मेकिंग ऑफ़ नेशन' शामिल हैं।

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