नानावटी अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट और डॉक्टर्स की एक टीम ने उन्हें एंजियोप्लास्टी की सलाह दी। चूंकि एंजियोप्लास्टी एक नॉन-इन्वेंसिव प्रोसीजर था, जिसे एक छोटे से चीरे के साथ किया गया। फिर भी सुष्मिता को उनकी नब्ज़ और उनके दिल में डाले गए स्टेंट की निगरानी के लिए अस्पताल में भर्ती करना जरूरी थी।