जावेद अख्तर ने पाकिस्तान को औकात दिखाई तो ऐसा था वहां की जनता का रिएक्शन, गीतकार ने बयां किया हाल

जावेद अख्तर ने हाल ही में लाहौर के एक इवेंट में पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया, जिसकी जमकर तारीफ़ हो रही है। अब गीतकार ने एक बातचीत में बताया है कि उनके बयान पर वहां की आवाम का कैसा रिएक्शन था।

Gagan Gurjar | Published : Feb 22, 2023 7:44 AM IST

एंटरटेनमेंट डेस्क. जावेद अख्तर (Javed Akhhtar) का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है, जिसमें वे लाहौर में बैठकर पाकिस्तान को उसकी औकात याद दिला रहे हैं। उन्होंने लाहौर में हुए एक इवेंट में पाकिस्तान को साफ़ संदेश दिया कि वह आतंकवाद की पनाहगार है। इतना ही नहीं, जावेद ने यहां पाकिस्तान की मूल भाषा उर्दू की असलियत भी सभी को बताई। खास बात यह है कि जब जावेद यह सब बोल रहे थे तो पाकिस्तानी आवाम भी इसे स्वीकार कर रही थी और इसकी गवाही वहां गूंज रही तालियों की गड़गड़ाहट दे रही थी। खुद जावेद ने भी भारत लौटने के बाद बताया है कि कैसे वहां की जनता उनके विचारों को रजामंदी दे रही थी।

जावेद ने भारत लौटकर यह कहा

जावेद ने एक हालिया इंटरव्यू में कहा कि उनके कमेंट को पाकिस्तान ने काफी अच्छे से मंजूर किया। बकौल जावेद, "सभी ने तालियां बजाईं। वे मुझसे सहमत थे।" उन्होंने आगे कहा, "वहां कई लोग हैं, जो भारत की तारीफ़ करते हैं और हमारे साथ मधुर संबंध बनाना चाहते हैं। हम सोचने लगते हैं कि देश पत्थर की चट्टान की तरह हैं। ऐसी बात नहीं हैं। हम उन लाखों लोगों से कैसे जुड़ सकते हैं, जो भारत से जुड़ना चाहते हैं।"

वायरल वीडियो जावेद यह कह रहे

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में जावेद अख्तर भारत और पाकिस्तान के बीच मित्रवत और शांतिपूर्ण संबंधों पर जोर दे रहे हैं। वे कह रहे हैं, "हमें एक-दूसरे पर आरोप नहीं लगाना चाहिए। इससे कुछ भी हल नहीं निकलेगा। माहौल तनावपूर्ण है, इसे कम किया जाना चाहिए।" इसी बातचीत के दौरान 78 साल के जावेद ने पाकिस्तान को उसकी औकात याद दिलाई और कहा, "हम मुंबई के लोग हैं। हमने देखा है कि हमारे शहर पर कैसे हमला किया गया। 26/11 के हमलावर नॉर्वे या इजिप्ट से नहीं आए थे। वे आज भी आपके देश में आज़ाद घूम रहे हैं।"

उर्दू को लेकर जावेद ने यह कहा था

3 दिवसीय कार्यक्रम के लिए पाकिस्तान गए जावेद ने लाहौर में हुए एक इवेंट में भाषा, शायरी, परफॉर्मिंग आर्ट्स, प्यार और दोस्ती पर भी बात की थी। इस दौरान उन्होंने उर्दू को लेकर कहा कि इसका मूल नाम हिंदवी था। उनके मुताबिक़, "बंटवारे के समय जब हर चीज़ के हिस्से हुए तो उर्दू को भाषा होने की वजह से बांटा नहीं जा सका, इसलिए इसे पाकिस्तान को दे दिया गया।" बता दें कि जावेद अख्तर सोमवार को पाकिस्तान से भारत लौट आए हैं।

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