Mithun Chakraborty ने क्यों छोड़ी TMC, वामपंथियों का थामा झंडा, क्यों आए BJP में

Published : Jun 15, 2025, 07:00 AM IST

डिस्को डांसर से लेकर राज्यसभा सांसद तक, मिथुन चक्रवर्ती का सफ़र उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। टीएमसी से लेकर बीजेपी तक, जानिए उनके राजनीतिक सफ़र की पूरी कहानी।

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मिथुन चक्रवर्ती 16 जून को अपना 75 वां बर्थडे सेलीब्रेट करेंगे। डांसिंग स्टार ने आर्ट फिल्म मृगया (1976) से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। डिस्को डांसर, स्ट्रीट डांसर, प्यार झुकता नहीं, गुरू जैसी फिल्मों ने मिथुन के स्टारडम को शिखर पर पहुंचा दिया। उनकी फिल्में एक वर्ग विशेष को खूब पसंद आती रही हैं। 

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अभिनेता के तौर पर सफल होने के बाद वे राजनीति के नेता में किस्मत आजमाने के लिए उतरे। यहां हम उनकी पॉलिटिकल जर्नी की डिटेल आपके साथ शेयर कर रहे हैं। 

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मिथुन चक्रवर्ती का सूरज जब फिल्मों से ढलने लगा तो उन्होंने राजनीति की तरफ रुख किया। साल 2011 में टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल सीएम बनीं तो उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती की तरफ पांसा फेंका। 

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टीएमसी ने बनाया राज्यसभा सांसद
फ्लॉप फिल्मों का रिकॉर्ड बना चुके मिथुन के लिए ये उस समय का बेस्ट ऑफर था, जो उन्होंने स्वीकार कर लिया। इसके बाद वे तृणमूल कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा में सांसद चुने गए। हालांकि साल 2016 अंतिम तिमाही में उन्होंने इस्तीफा देकर राजनीति से संन्यास ले लिया।

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मिथुन ने टीएमसी का छोड़ा दामन

मिथुन चक्रवर्ती ने अपनी हेल्थ इश्यु की बात कहते हुए पॉलिटिक्स को अलविदा कहा था। दरअसल जब शारदा चिटफंड घोटाला उजागर हुआ और उसमें एक्टर की संलिप्तता की बात सामने आई…इसके बाद तो फिर उन्हें राजनीति ही रास नहीं आई। उन्होंने तकरीबन सवा करोड़ की राशि यह कहकर लौटा दी थी कि वे किसी फर्जीवाड़ा में शामिल नहीं होता चाहते हैं। इसके बाद से ही मिथुन के राजनीति से संन्यास लेने की अटकलें शुरु हो गई थी। आखिरकार उन्होंने अपना कार्यकाल समाप्त होने के काफी पहले सांसद से इस्तीफा दे दिया।

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वामपंथियों के करीबी रहे मिथुन

वैसे मिथुन चक्रवर्ती कॉलेज के दिनों में वामपंथ का झंडा भी थाम चुके हैं। वे इस पार्टी के नेताओं से खूब मिलते जुलते थे, सभाओं में भी जाते थे। वामपंथ के सीनियर नेता सुभाष चक्रवर्ती से एक्टर के करीबी संबंध थे।

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मिथुन दा की बीजेपी में हुई एंट्री

मिथुन चक्रवर्ती ने जब 70 की दहलीज में कदम रखा तो वे आरएसएस और बीजेपी की विचारधारा के कायल हो गए। साल 2021 में मिथुन ने बीजेपी का दामन थाम लिया। 

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कैलाश विजयवर्गीय ने पीएम मोदी की सभा में उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई । तब से वे भारतीय जनता पार्टी की अहम मेंबर हैं। पश्चिम बंगाल के चुनावों में वे स्टार प्रचारक रहते हुए बीजेपी को जीत दिलाने में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं।

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