
नई दिल्ली(एएनआई): बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद लंबे समय से बहस का विषय रहा है। अभिनेता राजपाल यादव ने हाल ही में इस मुद्दे पर बात की और कहा कि अभिनेताओं की सफलता उनकी प्रतिभा पर निर्भर करती है। एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में, राजपाल यादव ने कहा कि बॉलीवुड में शुरुआती ब्रेक कनेक्शन के कारण मिलना संभव हो सकता है, लेकिन सफलता अंतर्निहित प्रतिभा और दर्शकों की प्रतिक्रिया पर निर्भर करती है।
राजपाल यादव ने कहा, "भाई-भतीजावाद जैसी कोई चीज़ नहीं है। मैं बहुत ईमानदारी से बोलना चाहता हूँ। अगर भाई-भतीजावाद होता, तो शाहरुख खान साहब कैसे होते, राजपाल यादव कैसे होते, परेश रावल कैसे होते, अनुपम खेर साहब कैसे होते, अक्षय कुमार साहब कैसे होते, जॉनी लीवर साहब कैसे होते, संजीव कुमार साहब कैसे होते, राजेश खन्ना साहब कैसे होते, धर्मेंद्र साहब कैसे होते?"
राजपाल यादव ने आगे कहा, “मेरे परिवार में किसी ने मुझे बॉलीवुड या थिएटर ज्वाइन करने के लिए नहीं कहा.. मेरे खुद के मन में आया और मैंने अपने बच्चों से भी कहा... कि कोई भी खेल में और सिनेमा में कोई किसी का जीवन नहीं बना सकता.... तो उसमें आपके अंदर का जो बैठा हुआ एक सच्चा और अच्छा इंसान है अगर वो आपको बोलता है यू आर केपेबल टू डू दिस तो फिर आप करो नहीं तो मैं धक्का दे सकता हूँ पर धक्के के बाद जो पटखनी खाओगे उसको मैं भी नहीं बचा सकता।”
मंझे हुए एक्टर राजपाल यादव ने बताया कि शुरुआत में माता-पिता की वजह से मौका मिलना संभव है, लेकिन यह सफलता की गारंटी नहीं है। उन्होंने कहा, "अगर आप खिलाड़ी हैं तो आपके बच्चे को खेलने का मौका मिलेगा.. इसी तरह अगर कोई व्यक्ति 30 साल से फिल्म या टेलीविजन कर रहा है, तो उसका बच्चा... उसे पता होगा कि मेरे पिता क्या करते हैं। तो, वो फिल्ममेकिंग सीखेगा लेकिन वो चलेगा कि नहीं चलेगा कर पाएगा कि नहीं कर पाएगा वो ऊर्जा है या नहीं है वो डिसाइड करता है या तो ऊपरवाला या ऑडियंस.. भाई-भतीजावाद नहीं है।" '
पार्टनर', 'गरम मसाला', 'हंगामा' जैसी फिल्मों के लिए जाने जाने वाले अभिनेता ने कहा, “मैं 38 साल से अभिनय कर रहा हूँ। और मेरे कम से कम 200 रिश्तेदार हैं। मैं तो एक को भी नहीं करवा पाया.. देखिये ब्लेसिंग्स अपनी अपनी.. मेहनत अपनी है। और अंत में यह दर्शक हैं जो तय करते हैं।” यादव का ब्रेकथ्रू प्रदर्शन राम गोपाल वर्मा की 'जंगल' थी जो 2000 में रिलीज़ हुई थी। बाद में उन्होंने अपने स्लैपस्टिक कॉमिक प्रदर्शन के लिए लोकप्रियता हासिल की और कई पुरस्कार प्राप्त किए। उन्होंने 'एक और एक ग्यारह', 'मुझसे शादी करोगी', 'भूल भुलैया' और 'भागम भाग' जैसी फिल्मों में काम किया। (एएनआई)