एंटरटेनमेंट डेस्क. एक वक्त था जब अमिताभ बच्चन और कादर खान बहुत अच्छे दोस्त हुआ करते थे यहां तक कि दोनों ने साथ में कई फिल्मों में काम भी किया है। लेकिन फिर एक दौर ऐसा भी आया, जब दोनों के बीच मनमुटाव हुआ और बातचीत भी लगभग बंद हो गई थी। यह तब की बात है, जब अमिताभ बच्चन पॉलिटिक्स में आ गए थे और कांग्रेस के टिकट पर इलाहाबाद से लोकसभा चुनाव लड़े थे और रिकॉर्ड वोटों से सांसद चुने गए थे। इसी दौरान कुछ ऐसा हुआ, जिसने अमिताभ और उनके खास दोस्त कादर खान के रिश्तों की नींब हिला दी। जानिए क्या है पूरा किस्सा...
कादर खान ने एक बातचीत के दौरान अमिताभ बच्चन से अपने मनमुटाव के बारे में बताया था। सोशल मीडिया पर कादर के इस इंटरव्यू के वीडियो है, जिसमें वे कह रहे हैं, "मैं अमितजी को अमित-अमित बोलता था। लेकिन एक दिन जब मैंने उन्हें अमित कहा तो उसे अच्छा नहीं लगा। साउथ के एक प्रोड्यूसर ने मुझसे कहा, 'आप सरजी को मिला?' मैंने पूछा, 'कौन सरजी?' वह हैरान रह गया और दूसरी ओर से आ रहे अमिताभ बच्चन की ओर इशारा करते हुए बोला, 'सरजी तुमको नहीं मालूम? वह लंबा आदमी।' मैंने उससे कहा, 'वह अमित है, वह सरजी कबसे बन गए? मैं उन्हें अमित कहता हूं, वह मेरे दोस्त हैं।' वह बोला, 'नहीं, आप उसे हमेशा सरजी ही बोलना, अमित नहीं बोलना अभी। वह बड़े आदमी हैं।' अमिताभ हमसे मिलने आ रहे थे और उन्होंने सोचा कि दूसरे लोगों की तरह मैं भी उन्हें 'सरजी' कहूंगा, जो कि मैंने नहीं कहा। उस दिन के बाद से ना मैंने उन्हें कॉल किया और ना उन्होंने कभी मुझसे बात की।"
कादर खान ने इंटरव्यू में आगे कहा था, "मेरे मुंह से निकला नहीं 'सरजी' और 'सरजी' ना निकलने से मैं निकल गया उस ग्रुप से। क्या कोई अपने दोस्त को, अपने भाई को किसी और नाम से पुकार सकता है? नामुमकिन बात है यह। मैं नहीं कर सकता और शायद इसीलिए मेरा उनसे वो राबता नहीं रहा। इसलिए ‘खुदा गवाह’ में मैं नहीं था। फिर 'गंगा जमुना सरस्वती' मैंने आधी लिखी, आधी छोड़ी। ऐसी कई फ़िल्में थीं, जिन पर मैंने काम शुरू कर दिया था, लेकिन फिर छोड़ दीं।"
कादर खान ने बॉलीवुड में ना केवल एक्टर, बल्कि डायलॉग्स और स्कीन राइटर के साथ-साथ प्रोड्यूसर के तौर पर भी पहचान बनाई थी। अमिताभ बच्चन के साथ कादर खान ने कई फिल्मों में काम किया था। इनमें, ‘इंकलाब’, 'परवरिश', 'देश प्रेमी', 'अमर अकबर एंथोनी', 'दो और दो पांच', 'कालिया', 'सत्ते पे सत्ता', 'कुली', 'शहंशाह', 'अग्निपथ', 'हम', 'मुकद्दर का सिकंदर', 'नसीब', 'याराना', 'बड़े मियां छोटे मियां', 'सूर्यवंशम' और 'हिंदुस्तान की कसम' शामिल हैं।
31 दिसंबर 2018 को कादर खान का 81 साल की उम्र में इंतकाल हो गया। उनके निधन पर अमिताभ बच्चन ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की थी। उन्होंने लिखा था, "कादर खान नहीं रहे। यह बेहद ही दुखद और निराशाजनक समाचार है। मेरी प्रार्थनाएं और संवेदनाएं। वे एक शानदार स्टेज आर्टिस्ट, फिल्मों के दयालु और निपुण टैलेंट, प्रख्यात राइटर, मेरी ज्यादातर फिल्मों में सुखद साथी और गणितज्ञ थे।"
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