म्यूजिक डायरेक्टर एल सुब्रमण्यम के साथ एक इंटरव्यु के दौरान, एआर रहमान ने ऑस्कर के लिए ऑफीशियल नॉमिनेशन के बारे में खुलकर अपनी राय रखी थी । उन्होंने अपने करियर और सक्सेस के स्ट्रगल पर भी बात की थी ।
एंटरटेनमेंट डेस्क । AR Rahman ने ऑस्कर के लिए ऑफीशियल नॉमिनेशन पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने एक इंटरव्यु में कहा कि, एकेडमी अवार्डस के लिए फिल्मों का सिलेक्शन सही नहीं हो रहा है। ये देखना होगा कि आखिर कहां चूक हो रही है । म्यूजिक डायरेक्टर एल सुब्रमण्यम के साथ एक इंटरव्यु के दौरान, एआर रहमान ने इस बारे में बात की थी। रहमान ने इस दौरान अपने म्यूजिक और ऑस्कर को लेकर खुलकर अपनी राय रखी थी ।
ऑस्कर नॉमिनेशन से पहले शूट हुआ था इंटरव्यु
दो बार ऑस्कर अवार्ड जीत चुके म्यूजिक डायरेक्टर एआर रहमान ने एक अपनी ही फील्ड के दिग्गज संगीतकार एल सुब्रमण्यम के साथ एक YouTube चैनल के लिए बातचीत की, रहमान ने इस इंटरव्यु में बताया कि भी म्यूजिक की दुनिया में सफलता के लिए जूझते रहे। यह इंटरव्यू इस साल 6 जनवरी को ऑस्कर नॉमिनेशन से काफी पहले शूट किया गया था। बातचीत के आखिर में एल सुब्रमियन ने एआर रहमान को बर्थडे विश करते हुए सुनाई दे रहे हैं ।
ऑफीशियल नॉमिनेशन वाली फिल्मों को क्यों नहीं मिलता ऑस्कर
रहमान ने तब कहा था, “कभी-कभी, मैं देखता हूं कि हमारी फिल्में ऑस्कर तक जाती हैं… लेकिन उन्हें अवार्ड नहीं मिलता । ऑस्कर के लिए रांग च्वाइस फिल्में भेजी जा रही हैं । यहां क्या हो रहा है यह देखने के लिए मुझे पश्चिमी देशों की तरह सोचना होगा । मुझे यह देखना होगा कि वे क्या कर रहे हैं।
आसानी से नहीं मिली सक्सेस
जब सुब्रमण्यम ने पूछा कि, उन्होंने ट्रेडीशनल रिकार्डिंग को किस तरह बदला, इस पर रहमान ने कहा कि यह टेक्नालॉजी की वजह से मुमकिन हुआ है। पहले कई सारे म्यूजिशियन और पूरे ऑर्केस्ट्रा के साथ काम करना होता है।उस दौर में आर्केस्ट्रा महंगा होता जा रहा था, सारे म्यूजिक इंस्ट्रयुमेंटस छोटे हो जा रहे था । वहीं वे एक जिंगल बैकग्राउंड से आए थे, इस वजह से उनके पास ज्यादा ऑप्शन होते थे । रहमान ने कहा कि वे उस दौर में थे, जहां तेजी से चेंजेस हो रहे थे। इस दौरान में हमने नए प्रयोग किए, कई बार असफल हुए। लेकिन ये मेरे अपने स्टूडियो में हो रहा था । हम लगातार काम करते रहे, होम स्टूडियो होने की वजह से मुझे पूरी आजादी मिली ।
म्यूजिशियन के पास मास्टर बनने की काबिलियत
उन्होंने कहा, "इससे मुझे काफी प्रयोग करने की आजादी मिली...बेशक, हम सभी को पैसे की जरूरत है लेकिन इससे आगे भी जुनून होता है । रहमान ने इसे समझाते हुए कहा कि मेरा मतलब है कि जब पश्चिम देश यह कर रहे हैं, तो हम क्यों नहीं कर सकते ? जब हम उनका संगीत सुनते हैं, तो वे हमारा संगीत क्यों नहीं सुन सकते ? आखिर हम क्यों नहीं बेहतर म्यूजिक नहीं बना सकते हैं। हमें भी इसमें मास्टर बनने की काबिलियत है।