पंडित के हाथ में पिस्तौल, 'महाकाल नगरी' के पोस्टर पर मचा बवाल तो मेकर्स ने दी यह सफाई

'महाकाल नगरी' के निर्माता और निर्देशक ने इसके मोशन पोस्टर पर छिड़े विवाद में सफाई दी है। डायरेक्टर संजीव कुमार राजपूत ने अपने बयान में कहा कि आतंकवादी व आतंकवाद को धर्म के चश्मे से देखना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि यह फिल्म सनातन धर्म के बारे में है।

एंटरटेनमेंट डेस्क. संजीव कुमार राजपूत द्वारा लिखित और निर्देशित फिल्म 'महाकाल नगरी' का फर्स्ट लुक आउट कर दिया गया है, जो अब सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। यह फिल्म एक सनानती साधु द्वारा देश में आतंकवाद फ़ैलाने और देशद्रोही का ख़ात्मा करने वाली स्टोरी लाइन पर आधारित है, जिस पर कुछ लोगों ने आपत्ति भी दर्ज कर दी है। उन लोगों ने इसे विवादित पोस्टर की संज्ञा देते हुए साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश बताया है, जिसके बाद फिल्म के निर्माता-निर्देशक को आगे आकर सफाई देनी पड़ी। फिल्म के‌ लेखक और निर्देशक ने संजीव कुमार राजपूत इस पर अपनी चुप्पी तोड़ी है और फ़िल्म‌ बनाने के पीछे के अपने मक़सद को लेकर बात की है।

‘महाकाल नगरी’ के डायरेक्टर की सफाई

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संजीव कुमार राजपूत ने कहा कि "आतंकवाद और आतंकवादी का कोई धर्म नहीं होता है। जब कोई शख़्स हाथों में हथियार उठा लेता है, इंसानियत का क़त्ल करता है और देश विरोधी गतिविधियों में संलग्न पाया जाता है तो ऐसे में उस शख़्स की पहचान उसके धर्म और समुदाय की बजाय उसके कुकर्मों से होने लगती है। इंसानियत के क़ातिल और देशद्रोहियों का धर्म नहीं देखा जाता है। ऐसे में 'महाकाल नगरी' के पोस्टर को किसी धर्म-विशेष से जोड़कर देखना सरासर ग़लत है और इसे विवादों में घसीटना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि सनानत धर्म और सनातनियों की शांतिप्रिय स्वभाव से दुनिया वाक़िफ़ हैं। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि अगर देश पर कोई मुसीबत आए, आंच आए तो साधु-संत, धर्मगुरू आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ नहीं सकते हैं। यही इस फ़िल्म का मूल है और इसी का अक्स फ़िल्म के मोशन-पोस्टर पर देखा जा सकता है।"

‘महाकाल नगरी’ के प्रोड्यूसर्स की सफाई

फिल्म निर्माता मनीष ओझा, प्रेमबीर सिंह और अलका वर्मा ने कहा, "'महाकाल नगरी' की कहानी एक ऐसे शख़्स के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसके पिता भारतीय सेना के क़ाबिल अफ़सर रह चुके हैं। मगर उनका बेटा सेना में जाकर देश सेवा करने की बजाय सोचता है कि क्यों ना वह सनातन धर्म की राह अपनाए जिससे वह धर्म के साथ साथ देश सेवा भी कर सकेगा। इसी उद्देश्य से फ़िल्म का नायक सनातन धर्म की सेवा के साथ साथ देश सेवा का भी प्रण लेता है और मौका मिलने पर आतंकवाद का ख़ात्मा करने की ठान लेता है। फ़िल्म में दिखाया गया है कि सनातनी हिंदू धर्म हमेशा से ही शांति-प्रिय धर्म माना जाता रहा है और उसने हमेशा से ही इंसानी मूल्यों के हक़ में काम किया है। पारंपारिक तौर पर देखा जाए तो सनातनी कभी भी आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त नहीं पाए गए हैं।उन्होंने हिंदू धर्म के‌ मानवीय मूल्यों के प्रचार-प्रसार में अहम भूमिका निभाई है।

 

 

‘महाकाल नगरी’ की स्टार कास्ट

उल्लेखनीय है कि श्री राध्या फ़िल्म प्रोडक्शन और बृजवासी फ़िल्म्स की प्रस्तुति 'महाकाल नगरी' में अंकित राज, काजल चौहान, अखिलेंद्र मिश्रा, कमलेश सावंत, शाजी चौधरी, सन्नी ठाकुर, हिमांशु श्रीवास्तव और राया लबीब जैसे कलाकार अहम रोल में नज़र आएंगे। इस फ़िल्म का निर्माण मनीष ओझा, प्रेमबीर सिंह और अलका वर्मा ने साझा तौर पर कर रही है। फ़िल्म की रिलीज़ के प्रति लोगों में अभी से ख़ासा उत्साह देखा जा रहा है।

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