IC 814: कंधार हाईजैक वेब सीरीज पर विवाद के बाद Netflix ने सामने लाया सच

Published : Sep 03, 2024, 04:53 PM ISTUpdated : Sep 03, 2024, 05:19 PM IST
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सार

नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' पर बढ़ते विवाद के बाद, नेटफ्लिक्स की उपाध्यक्ष मोनिका शेरगिल ने सफाई जारी की है, जिसमें कहा गया है कि आतंकवादियों के असली नाम एक डिस्क्लेमर के रूप में शामिल किए गए हैं। 

IC 814 The Kandahar Hijack: नेटफ्लिक्स की वेब-सीरीज 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' पर बढ़ते विवाद के बीच कंपनी ने अपनी सफाई दी है। नेटफ्लिक्स की उपाध्यक्ष (कंटेंट) मोनिका शेरगिल ने मंगलवार को वेब-सीरीज 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' को लेकर चल रहे विवाद के बीच लोगों का गुस्सा शांत करने के लिए स्टेटमेंट जारी किया है। शेरफिल ने बताया कि निर्माताओं ने आधिकारिक तौर पर शो में एक डिस्क्लेमर के रूप में आतंकवादियों के असली नाम शामिल किए हैं।

नेटफ्लिक्स की ओर से मोनिका शेरगिल ने कहा: 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 814 के अपहरण से अपरिचित दर्शकों के लाभ के लिए शुरुआती डिस्क्लेमर को अपडेट किया गया है जिसमें अपहरणकर्ताओं के असली और कोड नाम शामिल हैं। सीरीज में कोड नाम वास्तविक घटना के दौरान इस्तेमाल किए गए नामों को दर्शाते हैं।

क्या है नेटफ्लिक्स का बयान?

मोनिका शेरगिल ने कहा कि नेटफ्लिक्स अपनी स्टोरीज की प्रामाणिकता के लिए पूरी तरह से समर्पित है। भारत में कहानी कहने की समृद्ध संस्कृति है और हम इन कहानियों और उनके प्रामाणिक प्रतिनिधित्व को दिखाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

वेब सीरीज किस घटना पर आधारित है?

वेब सीरीज को अनुभव सिन्हा ने निर्देशित किया है। यह कहानी सच्ची घटना पर आधारित है। 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी-814 का आतंकवादियों ने अपहरण कर लिया था। पांच आतंकवादियों ने नेपाल के काठमांडू में त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से हाईजै किया। यह फ्लाइट दिल्ली आ रही थी। सात दिनों तक प्लेन हाईजैक रहा। इस हाईजैक के यात्रियों को छुड़ाने के लिए तत्कालीन बीजेपी सरकार ने आतंकवादियों की सारी शर्तें मान ली थी। तीन हाई-प्रोफाइल आतंकवादियों को रिहा कर दिया।

इस घटना पर आधारित बनी वेब-सीरीज में आतंकवादियों के नामों को लेकर विवाद छिड़ गया। दरअसल, वेब-सीरीज में काल्पनिक नाम दिए गए हैं। इसमें कई हाईजैकर्स के नाम कथित तौर पर हिंदू हैं। दर्शकों के एक वर्ग को इस पर आपत्ति होने के बाद विवाद बढ़ गया। एक वर्ग का आरोप है कि हिंदू समुदाय की भावनाओं को जानबूझकर ठेस पहुंचायी गई है।

निर्माताओं ने कहा- उन नामों का किया इस्तेमाल जिनका आतंकवादियों ने किया इस्तेमाल

जबकि वेबसीरीज से जुड़े लोगों का कहना है कि सीरीज में उन नामों को हाईलाइट किया गया है जिन नामों को वह आतंकवादी प्लेन में संबोधित करते थे। भारत सरकार की वेबसाइट पर भी उन नामों का जिक्र है। नेटफ्लिक्स सीरीज में निर्माताओं ने कहा कि शो में आतंकवादियों के नाम 'चीफ', 'डॉक्टर', 'शंकर', 'भोला' और 'बर्गर' हैं। यह वह नाम है जिनका इस्तेमाल आतंकवादी फ्लाइट के अंदर यात्रियों के सामने एक-दूसरे को संबोधित करने के लिए करते थे। हालांकि, भारत सरकार ने नेटफ्लिक्स के अधिकारियों को तलब किया था। मंगलवार को सरकार और नेटफ्लिक्स के अधिकारियों के बीच मीटिंग भी हुई। इसके बाद डिस्क्लेमर में सभी आतंकवादियों के नाम शामिल किए गए हैं।

विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर है उस घटना का जिक्र

विदेश मंत्रालय के कई साल पूर्व जारी किए गए स्टेटमेंट रिकॉर्ड के अनुसार, 24 दिसंबर को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी 814 को हाईजैक करने वाले पांच आतंकवादियों की पहचान इब्राहिम अतहर, शाहिद अख्तर सईद, सनी अहमद काजी, जहूर मिस्त्री और शाकिर के रूप में की गई थी। सरकार के अनुसार, वे सभी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन हरकत-उल-मुजाहिदीन (एचयूएम) के सदस्य थे। विदेश मंत्रालय की वेबसाइट ने 6 जनवरी 2000 को उस घटना का उल्लेख करते हुए बताया था कि सभी आतंकवादी एक-दूसरे को अलग-अलग नामों से संबोधित करते थे। यात्रियों के लिए ये अपहरणकर्ता क्रमशः (1) चीफ, (2) डॉक्टर, (3) बर्गर, (4) भोला और (5) शंकर के नाम से जाने जाते थे। हाईजैक करने वाले हमेशा एक-दूसरे को इन्हीं नामों से एक दूसरे को संबोधित करते थे।

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