नहीं रहीं 'बोले रे पपिहरा' जैसे गानों की सिंगर वाणी जयराम, बेडरूम में गिरीं और फिर उठ ना सकीं

वाणी जयराम ने हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, भोजपुरी, गुजराती, मराठी, मारवाड़ी, हरियाणवी, राजस्थानी, बघेली, ओडिया, इंग्लिश और तुलु समेत 19 भाषाओं में गाने गाए थे। उनके गानों की संख्या 10 हजार से ज्यादा बताई जाती है।

Gagan Gurjar | Published : Feb 4, 2023 10:36 AM IST / Updated: Feb 04 2023, 04:50 PM IST

एंटरटेनमेंट डेस्क. दिग्गज प्लेबैक सिंगर वाणी जयराम (Vani Jayaram) का निधन हो गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक़, 77 साल की सिंगर ने चेन्नई के हैडोस रोड, नुंगमबक्कम स्थित अपने घर में अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि वे अपने बेडरूम में गिर गई थीं, जिसके बाद उनके माथे पर चोट आई और उन्हें बचाया नहीं जा सका। नेशनल अवॉर्ड विजेता वाणी ने हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ समेत करीब 19 भाषाओं में 10 हजार से ज्यादा गाने गाए थे।

हाउसकीपर ने बताया क्या कुछ हुआ?

वाणी जयराम की हाउसकीपर मलारकोडी ने एक बातचीत के दौरान बताया, "वाणी जयराम अपने घर में अकेली रहती थीं। बीते 10 साल से मैं उनके घर का सारा काम कर रही थी। हमेशा की तरह आज सुबह 10:45 बजे मैं उनके घर पहुंची और घंटी बजाई। पांच बार घंटी बजाने के बाद भी उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। मैंने तुरंत ही कॉल किया, लेकिन उन्होंने उसे रिसीव नहीं किया। तब मैंने अपने हसबैंड को कॉल किया और इसके बारे में बताया। उन्होंने भी उन्हें कॉल किया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया। जब दरवाजा नहीं खुला तो मुझे कुछ संदेह हुआ। मैंने नीचे लोगों को आवाज़ लगाई। फिर हम सबने पुलिस को सूचना दी। उनकी सेहत अच्छी थी। जबसे पद्म अवॉर्ड की घोषणा हुई, तबसे बधाइयों का तांता लगा हुआ था। उनका कोई इलाज नहीं चल रहा था। अब उनके माथे पर एक चोट है।"

तमिलनाडु से ताल्लुक रखती थीं वाणी

वाणी जयराम का जन्म तमिलनाडु के वेल्लोर में हुआ था। उनका परिवार शास्त्रीय संगीत में महारत प्राप्त था। बताया जाता है कि 6 बेटियों और 3 बेटों में वाणी पांचवें नंबर की बेटी थीं। वाणी ने देश की अलग-अलग फिल्म इंडस्ट्रीज के अलग-अलग कम्पोजर्स के साथ काम किया था। इनमें एमएस इलैयाराजा, आरडी बर्मन, केवी महादेवन, ओपी नय्यर और मदन मोहन जैसे ख्याति प्राप्त नाम शामिल हैं।

70 के दशक में हिंदी गाने गाए थे

हिंदी फिल्मों में वाणी जयराम ने 70 के दशक में खूब गाने गाए। उन्होंने 1971 में रिलीज हुई फिल्म 'गुड्डी' के लिए तीन गाने गाए थे, जिनमें से एक 'बोले रे पपिहरा' काफी लोकप्रिय है। इस फिल्म का निर्देशन ऋषिकेश मुखर्जी ने किया था और जया बच्चन इसकी हीरोइन थीं। बाद में उन्होंने फिल्म 'पाकीजा' का 'मोरे साजन सौतन घर', 'आइना' में 'दुल्हन बड़ी जादूगरनी' 'धरम और क़ानून' में 'तेरी झील सी गहरी' और 'मीरा' में 'मेरे तो गिरधर गोपाल' जैसे गानों को आवाज़ दी थी।

तीन बार की नेशनल अवॉर्ड विजेता थीं

वाणी जयराम को तीन बार फिल्म 'अपूर्वा रंगनांगल' (तमिल), 'Sankarabharanam' (तेलुगु) और 'Swathi Kiranam' (तेलुगु के लिए क्रमशः 1975, 1980 और 1991 में बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर का नेशनल अवॉर्ड मिला था। 2023 में भारत सरकार ने उन्हें कला (संगीत) के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए भारत के तीसरे सबसे बड़े सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया था।

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