
एंटरटेनमेंट डेस्क. टीवी पर 'स्वाभिमान;, 'जस्सी जैसी कोई नहीं' और 'इनसाइड एज' (सीजन 2 और 3) जैसे शोज में नज़र आए करण बी. ओबेरॉय ने खुलासा किया है कि जब वे जेल में थे, लगभग मरते-मरते बचे। दरअसल, करण को 2019 में मीटू कैंपेन के तहत एक महिला से रेप के आरोप में जेल भेजा गया था और वे तकरीबन एक महीने तक जेल में रहे थे। अब एक बातचीत के दौरान उन्होंने अपने जेल टर्म का अनुभव साझा किया है। उन्होंने इस दौर को अपनी जिंदगी का सबसे काला दौर बताया है।
करण ओबेरॉय ने शेयर किया जेल का अनुभव
सिद्धार्थ कनन से बातचीत में करण ने बताया, "यह मेरी जिंदगी का सबसे डार्क फेज था। ऐसा लग रहा था, जैसे पाताल लोग में चला गया था। ऐसा लग रहा था कि मैं यहां कैसे आ गया। मेरे आसपास ऐसे लोग थे, जिन्होंने कई लोगों की हत्या की थी। वहां भी कई खूंखार अपराधी थे, जो मुझे प्रोटेक्ट कर रहे था। जबकि आपको पता नहीं होता कि आप कल ज़िंदा रहने वाले हैं या नहीं, क्योंकि ऐसी परिस्थितियों में आप भी मर भी सकते हैं। शुरुआती 7 दिन तक मैंने कुछ खाया नहीं। पहले 9 दिन मैं सोया नहीं। मैं बेसुध रह रहा था। बेसुधी की इस कंडीशन में मुझे लगने लगा था कि मैं यह जर्नी पूरी नहीं कर पाऊंगा।"
एक्टर करण ओबेरॉय का शॉकिंग खुलासा
करण ने इसी बातचीत में आगे कहा, "एक बार तो दम घुटने से मैं तकरीबन मर गया था। मैं इस बारे में डिस्कशन नहीं करना चाहता, लेकिन मुझे लगा कि यह अंत है। मुझे अपनी पूरी जिंदगी अपनी आंखों के सामने घूमती दिख रही थी। मुझे क्लॉस्ट्रोफ़ोबिया और उन्होंने मुझे ऐसी जगह रखा था । कोठरी में डाल दिया था और मुझे लगने लगा था कि यह मेरी जिंदगी का अंत है।"
करण ओबेरॉय पर रेप का आरोप!
2019 में जब देश में #MeToo कैंपेन ने तूल पकड़ा था, तब एक महिला ने करण पर रेप का आरोप लगाया था। उसका कहना था कि करण ने शादी का झांसा देकर 2017 से 2019 के बीच उसका रेप किया था। शिकायत के बाद करण को मुंबई पुलिस ने अरेस्ट किया था और वे लगभग एक महीने तक जेल में रहे। बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा किया था। कोर्ट ने उन पर 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था।
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