
Satyajit Ray's house demolished in Bangladesh : अनुपमा फेम रूपाली गांगुली ने बांग्लादेश के मैमनसिंह में ग्रेट फिल्म मेकर सत्यजीत रे के पैतृक घर को गिराए जाने की निंदा की। उन्होंने इस घटना पर अपना आक्रोश जताते इसे कला और सांस्कृतिक विरासत पर हमला बताया। उन्होंने इस तोड़फोड़ को 'घृणित' और 'अक्षम्य' भी बताया और कहा, "यह सिर्फ़ तोड़फोड़ नहीं थी! यह एक मैसेज था : वे कला से डरते हैं। वे विरासत को मिटा देते हैं।"
सत्यजीत रे का घर गिराया गया
एक्ट्रेस रूपाली गांगुली ने बांग्लादेश के मैमनसिंह में प्रतिष्ठित फिल्म निर्माता सत्यजीत रे के पैतृक घर को गिराए जाने की कड़ी निंदा की है। बुधवार (16 जुलाई) को सोशल मीडिया पर इस घटना पर अपना आक्रोश जताते हुएए इसे कला और सांस्कृतिक विरासत पर हमला बताया। एक्ट्रेस ने कहा, "वे संस्कृति का नहीं, हिंसा का महिमामंडन करते हैं। यह कृत्य उनके असली रंग को दिखता है।"
इससे पहले भारत सरकार ने बांग्लादेश के इस फैसले पर पुर्नविचार करने का आग्रह किया था, जिसमें सत्यजीत रे के घर गिराने का फैसला लिया गया था। वहीं इस कदम को "गहरा खेद" बताया। विदेश मंत्रालय ने रे की विरासत के सम्मान में उस जगह को एक म्यूजियम में बदलने का प्रपोजल रखा था। इसे ऐतिहासिक स्ट्रक्चर के जीर्णोद्धार में मदद की भी पेशकश की थी।
हरिकिशोर रे रोड पर स्थित सत्यजीत रे का ये घर एकदम साधारण था। इसमें रे के दादा और बंगाली साहित्य के स्तंभ माने जाने वाले उपेंद्र किशोर रे चौधरी रहा करते थे। 1947 में बंटवारा के बाद, यह संपत्ति बांग्लादेशी सरकार के कब्जे में चली गई थी। ये साल 1989 तक आबाद रही थी। इसमें मयमनसिंह शिशु अकादमी संचालित की जा रही थी।