Omicron Variant को लेकर पहला झूठ ये है कि इससे मौत का आंकड़ा बहुत तेजी से बढ़ा है, दूसरा आरटीपीसीआर टेस्ट से इसका पता नहीं लग रहा, तीसरा, इसका लक्षण पता नहीं चल रहा, चौथा कि ओमीक्रोन को लेकर कई रिसर्च सामने आ गई है और पांचवां कि ये दुनिया का सबसे खतरनाक वेरिएंट है।
क्या वायरल हो रहा है: इन दिनों सोशल मीडिया (Social Media) पर ओमीक्रोन (Omicron) को लेकर कई वीडियो और मैसेज वायरल हो रहे हैं। उनमें कुछ सच हैं तो कुछ फेक। ओमीक्रोन को लेकर एक न्यूज वायरल हो रही है कि ओमीक्रोन का आरटी पीसीआर (RT PCR) टेस्ट से भी पता नहीं लगाया जा सकता है। बता दें कि डब्ल्यूएचओ (WHO) ने कोरोना वायरस (Corona Virus) के नए स्ट्रेन ओमीक्रोन को एक वेरिएंट ऑफ कंन्सर्न करार दिया है। 24 नवंबर को साउथ अफ्रीका से ओमीक्रोन का पहला मामला सामने आया था। डब्ल्यूएचओ और दुनिया भर के वैज्ञानिक अभी इस नए स्ट्रेन (New Strain) को लेकर रिसर्च कर रहे हैं।
क्या है वायरल पोस्ट का सच:
निष्कर्ष: ओमीक्रोन को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट फेक है। पोस्ट में अनाम डॉक्टर्स के हवाले से फेक न्यूज फैलाई जा रही है। जबकि WHO ने पहले ही साफ कर दिया है कि ओमीक्रोन से बचने के लिए कोरोना की वैक्सीन बहुत जरूरी है। दुनिया में अभी कहीं पर भी ओमीक्रोन की वजह से किसी मरीज की मौत नहीं हुई है।
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