छठ महापर्व (chhath puja 2022) का आज दूसरा दिन है। खरना का प्रसाद ग्रहण करके छठ व्रती 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू करेंगी। खरना प्रसाद काफी नियम से बनाया जाता है। इसे महाप्रसाद कहा जाता है। जिसके घर छठ नहीं होता उन्हें बुलाकर यह प्रसाद खिलाया जाता है। चलिए बनताते हैं कैसे यह महाप्रसाद बनता है।
फूड डेस्क.कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजो होती है। चार दिन तक चलने वाली लोक आस्था का पर्व शुरू हो गया है। बिहार, यूपी समेत कई राज्यों में इसे काफी पवित्रता और धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व की सबसे खास बात है वो स्वच्छता है। घर से लेकर सड़कों और तालाब तक की सफाई छठे के लिए की जाती है। इसके अलावा छठ पर्व के दौरान बनाए जाने वाले प्रसाद (Chhath Puja 2022 Prasad) विशेष महत्व होता है। खरना के दिन रसिया या इसे गुड़ और चावल का खीर भी कह सकते हैं बनाया जाता है। जिसका भोग लगाया जाता है। आज पूरे दिन निर्जला उपवास रखने के बाद छठ व्रती इस प्रसाद को ग्रहण करेंगे और फिर 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होगा।
अगर आप पहली बार छठ का व्रत रख रही है और अभी तक रसिया को नहीं बनाया है तो यहां से सिंपल रेसिपी नोट कर सकती हैं। चलिए बताते हैं सामग्री।
सामग्री
नया चावल – 2 कप
गुड़ – 2 कप (स्वादानुसार)
सूखा नारियल कद्दूकस – 3 टेबलस्पून
तेजपत्ता –1
दूध – 2 टी स्पून (दूध की मात्रा अपने अनुसार घटा-बढ़ा सकते हैं।)
इलायची – 4-5 कूटा हुआ
बनाने की विधि
-छठ पूजा के प्रसाद के लिए हमेशा नए चावल का इस्तेमाल करना चाहिए, यानी इस साल फसल से तैयार हुए चावल। ये बाजार में आसानी से मिल जाता है। चावल को सबसे पहले अच्छी तरह धो लें। इसके बाद इसे अलग रख दें। फिर एक बर्तन में गुड़ को फोड़कर डाल दें और जरूरत के मुताबिक पानी डाल कर घोल तैयार कर लें। इसके बाद इसे छननी से छान लें।
-अब एक बड़े बर्तन में गुड़ का छना पानी डालें और उसे चूल्हे पर मीडियम आंच पर गर्म करें। जब पानी में उबाल आ जाए तो आंच धीमी करके इसमें दो चम्मच दूध डालें। इसके डालने पर पानी के ऊपर किनारे-किनारे सफेदी जमा हो जाएगी। इसे आप एक चम्मच की मदद से निकाल लें। इस तरह गुड़ एकदम साफ हो जाएगा। फिर तेजपत्ता डाल दें।
-इसके बाद इसमें धोया हुआ चावल डाले और पकने दें। फिर कद्दूकस किया हुआ नारियल डाले और 10 मिनट तक खीर को पकने दे। जरूरत हो तो आप इसमें पानी भी डाल सकते हैं।
-चावल जब अच्छे से पक जाये तो कुटी हुई इलाइची डालें। रसिया बनाते वक्त इसे चलाते रहे नहीं तो यह बर्तन में चिपक जाएगा। फिर इसे आंच से उतार लें।
-यह भोग के लिए तैयार हो गया। तुलसी पत्ता डालकर छठी मइया और सूर्य देव को भोग लगाए। इसके बाद व्रती ग्रहण करें।
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