Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति में क्यों खाई जाती है खिचड़ी, जानें इसके पीछे की दिलचस्प कहानी

14 जनवरी और 15 जनवरी को इस बार मकर  संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। इस त्योहार को खिचड़ी के नाम से भी लोग जानते हैं। इस दिन लोग ना सिर्फ खिचड़ी खाते हैं बल्कि दान करने का भी महत्व होता है। तो चलिए जानते हैं मकर संक्रांति पर क्यों खाई और दान की जाती है खिचड़ी।

Nitu Kumari | Published : Jan 13, 2023 12:28 PM IST

लाइफस्टाइल डेस्क. मकर संक्रांति (makar sankranti) इस बार 14 और 15 जनवरी को मनाया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। मकर संक्रांति को खिचड़ी का पर्व भी कहा जाता है। यूपी और बिहार में इस दिन लोग गंगा स्नान या घर पर सुबह नहाकर पहले सूर्य की उपासना करते हैं। इसके बाद दान में चूड़ा, दही, तिलकुट और खिचड़ी की सामग्री देते हैं। इसके बाद सबसे पहले लोग चूड़ा दही और तिलकुट खाते हैं। फिर हर घर में खिचड़ी बनती हैं। 

मकर संक्रांति में पकवान नहीं बल्कि खिचड़ी क्यों बनाई जाती है। ये सवाल तो मन में उठता होगा ना। तो चलिए बताते हैं इसके पीछे की रोचक कहानी। खिचड़ी खाने की परंपरा को लेकर बाबा गोरखनाथ की एक प्रसिद्ध कहानी प्रचलित है। कहा जाता है कि अलाउद्दीन खिलजी ने जब भारत पर आक्रमण किया था तब उस वक्त चारों तरफ हड़कंप मच गया था। युद्ध के कारण नाथ योगियों को खाना बनाने का वक्त नहीं मिलता था। जिसकी वजह से वो कमजोर होते जा रहे थे। उनकी दशा को देखकर बाबा गोरखनाथ ने एक तरकीब निकाली और उन्होंने दाल, चावल और सब्जी को एक साथ मिलाकर पकाने की सलाह दी।

बाबा गोरखनाथ ने खिचड़ी खाने की परंपरा शुरू की

बताया जाता है कि बाबा गोरखनाथ की सलाह के बाद नाथ योगियों ने दाल चावल और सब्जी मिलाकर पकाया तो वो बहुत ही कम वक्त में बन गया। जो उन्हें हेल्दी बना दिया। बाबा गोरखनाथ ने इस डिश का नाम खिचड़ी दिया। खिलजी के साथ युद्ध खत्म होने के बाद मकर संक्रांति के दिन जश्न मनाया गया और उस दिन लोगों को खिचड़ी बांटी गई। जिसके बाद से यह परंपरा शुरू हुई।

खिचड़ी में प्रयोग होने वाली सामग्री का संबंध ग्रहों से है

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार खिचड़ी का संबंध किसी ना किसी ग्रह से होता है। चावल का संबंध चंद्रमा से, उड़द दाल का संबंध शनि देव से , हल्दी का संबंध गुरु देव से और हरी सब्जियों का संबंध बुध से होता है। घी का संबंध सूर्य देव से होता है। इसलिए मकर संक्रांति पर इसे खाना शुभ और हेल्दी माना जाता है। 

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